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देश में ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ रहा इंटरनेट का जाल, 95.15 प्रतिशत गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध

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शहर हो या गांव आज डिजिटल इंडिया की वजह से कनेक्टिविटी लगातार बढ़ रही है। डिजिटल इंडिया पहल के तहत सरकार ने न केवल महानगरों बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों के साथ-साथ ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों को भी जोड़ने के लिए कई पहल की हैं। अप्रैल 2024 तक, 95.15 प्रतिशत गांवों में 3जी/4जी मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है। मार्च 2014 में कुल इंटरनेट सब्सक्राइबर 251.59 मिलियन थे जो मार्च 2024 में बढ़कर 954.40 मिलियन हो गए हैं।

6,12,952 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी
मार्च 2024 तक भारत में कुल 954.40 मिलियन इंटरनेट सब्सक्राइबर में से 398.35 मिलियन ग्रामीण इंटरनेट सब्सक्राइबर हैं। इसके अलावा, अप्रैल 2024 तक, देश के 6,44,131 गांवों (भारत के रजिस्ट्रार जनरल के अनुसार गांवों का डेटा) में से 6,12,952 गांवों में 3G/4G मोबाइल कनेक्टिविटी है। इस प्रकार, 95.15% गांवों में इंटरनेट की सुविधा है। देश में कुल इंटरनेट ग्राहक मार्च 2014 के 251.59 मिलियन से बढ़कर मार्च 2024 में 14.26% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) पर 954.40 मिलियन हो गए हैं।

ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य
पिछले 10 वर्षों में भारत के सभी कोनों को कवर करते हुए दूरसंचार नेटवर्क का व्यापक विस्तार हुआ है, जिसमें टियर-2/3 शहर और गांव शामिल हैं। भारतनेट परियोजना के तहत देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि ग्रामीण परिवारों को ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान की जा सकें। भारतनेट के दो चरणों के तहत परिकल्पित कुल 2.22 लाख ग्राम पंचायतों में से 2.13 लाख ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार कर दिया गया है। इसके अलावा, संशोधित भारतनेट कार्यक्रम का लक्ष्य 42,000 अछूते जीपी और शेष 3.84 लाख गांवों को मांग के आधार पर ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करना और 1.5 करोड़ ग्रामीण घर फाइबर कनेक्शन प्रदान करना है।

35,680 गांवों को किया जा रहा है कवर
देश में कुल 35,680 ऐसे गांव या बस्तियां हैं, जो अभी तक 4जी कनेक्टिविटी से वंचित हैं। ये सभी गांव/बस्तियां ग्रामीण, दूरदराज, दुर्गम क्षेत्रों में स्थित हैं और पहाड़ी इलाकों, घने जंगलों आदि जैसे दुर्गम इलाकों में स्थित हैं। यूएसओएफ द्वारा वित्तपोषित विभिन्न योजनाओं के तहत करीब 9,000 ऐसे गांवों को 4जी कनेक्टिविटी से कवर किया गया है, जिसका खर्च करीब 11,000 करोड़ रुपये है।

सरकार ने देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कई अन्य पहल भी की हैं। इनमें शामिल हैं:

–सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना को सुविधाजनक बनाने के लिए अगस्त 2022 में लाइसेंसिंग शर्तों में संशोधन किया गया।

–दूरसंचार अवसंरचना के तेज और आसान रोलआउट के लिए भारतीय टेलीग्राफ राइट ऑफ वे नियम 2016 और समय-समय पर संशोधन नियम जारी करना।

–गति शक्ति संचार पोर्टल की शुरुआत करके सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) की अनुमति को सुगम बनाया गया है ताकि तेजी से आरओडब्ल्यू स्वीकृतियां मिल सकें।

डिजिटल इंडिया के तहत पहल
डिजिटल इंडिया पहल के तहत, विभिन्न प्रौद्योगिकी-आधारित स्टार्टअप और नवाचार योजनाएं जैसे कि प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन और उद्यमियों का विकास (TIDE 2.0), इनोवेटिव स्टार्टअप के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट (GENESIS), डोमेन विशिष्ट उत्कृष्टता केंद्र (CoEs) और नेक्स्ट जनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (NGIS) देश भर में टियर-2 और टियर-3 शहरों सहित लगभग 800 करोड़ रुपये के कुल वित्त पोषण परिव्यय के साथ शुरू की गई हैं। इसके अलावा, सरकार ने देश के 27 राज्यों शासित प्रदेशों में 104 छोटे शहरों या कस्बों में वितरित बीपीओ संचालन की 246 इकाइयों की स्थापना करके भारत बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) प्रमोशन स्कीम (IBPS) और नॉर्थ ईस्ट बीपीओ प्रमोशन स्कीम (NEBPS) शुरू की थी।


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Kumar Aditya

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