भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का ही बिजली घर बनेगा। पीरपैंती में बिजली उत्पादन की क्षमता जानने के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट आ गई है। इसमें कहा गया है कि यहां 800 मेगावाट की तीन इकाई बन सकती है। इस रिपोर्ट के आते ही अब पीरपैंती बिजली घर बनने पर औपचारिक मुहर लग गई है।
अधिकारियों के अनुसार, बिजली घर बनाने से पहले उसकी तकनीकी संभाव्यता पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बिहार को निर्देश दिया था। उसी आलोक में बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने एक एजेंसी को प्री-फिजिबिलिटी (संभाव्यता) रिपोर्ट का जिम्मा सौंपा था। इसके लिए चयनित एजेंसी मेसर्स डेजिन प्राईवेट लिमिटेड ने अब रिपोर्ट दे दी है। इस रिपोर्ट के बाद अब डीपीआर बनाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। डीपीआर बनते ही बिजली घर बनाने की निविदा जारी कर दी जाएगी। बिजली कंपनी ने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह अब बिजली घर निर्माण की दिशा में अग्रेतर कार्रवाई करें।
एनटीपीसी ने बिजली घर बनाने में जताई है अनिच्छा
केंद्र सरकार ने पीरपैंती के लिए 21 हजार 400 करोड़ का आवंटन कर दिया है। नौ सितम्बर को केंद्रीय ऊर्जा सचिव के साथ हुई बैठक में कोयला मंत्रालय और एनटीपीसी, सीईए, कोल इंडिया लिमिटेड व जेनरेशन कंपनी के अधिकारी शामिल हुए। राज्य सरकार की मंशा थी कि बिजली घर बनाने का जिम्मा एनटीपीसी को दिया जाए। मगर बैठक में एनटीपीसी ने पीरपैंती में बिजली घर बनाने के मसले पर अनिच्छा प्रकट कर दी। इसलिए कंपनी ने अपने स्तर से बिजली घर बनाने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है।