बिहार की राजनीति में आगे क्या होने वाला है, इसकी तस्वीर शुक्रवार को बिहार के राजभवन में दिख गयी. गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल ने एट होम पार्टी देते हैं. यानि सूबे के गणमान्य लोगों को चाय-नाश्ते पर बुलाते हैं. राजभवन में आज आमंत्रित किये गये विशिष्ट लोगों के लिए कुर्सी आरक्षित रखी गयी थी.
एक कुर्सी पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नाम की पर्ची साटी गयी थी. राजभवन में लगी इस कुर्सी पर सटी पर्ची को जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी ने उखाड़ा और फिर उसी कुर्सी पर बैठ गये. बिहार में आगे क्या होने जा रहा है, ये बताने के लिए सिर्फ ये एक दृश्य काफी है.
राजभवन में खेल
राजभवन की एट होम पार्टी में मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम समेत सारे मंत्रियों को बुलाया गया था. विधानसभा के स्पीकर और विधान परिषद के सभापति को भी निमंत्रण था. साढ़े तीन बजे से होने वाली इस पार्टी में नीतीश कुमार समय से पहले पहुंच गये. उनकी पार्टी के मंत्री भी एक-एक कर पहुंचे. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी पहुंचे. सब अपने लिए आरक्षित कुर्सी पर बैठ गये.
तेजस्वी और उनके मंत्रियों का बहिष्कार
राजभवन की एट होम पार्टी का तेजस्वी यादव औऱ उनकी पार्टी के मंत्रियों ने बहिष्कार कर दिया. जिस वक्त राजभवन में पार्टी चल रही थी, ठीक उसी वक्त तेजस्वी यादव अपने आवास पर अपनी पार्टी के सारे मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे थे. यानि प्लान के साथ राजभवन की पार्टी का बहिष्कार किया गया. खास बात ये भी थी कि विधान सभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी राजभवन की पार्टी में नहीं पहुंचे. अवध बिहारी चौधरी भले ही राजद के विधायक हों लेकिन विधान सभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बैठे हैं.
अशोक चौधरी ने पर्ची उखाड़ी
राजभवन में जो बैठने की व्यवस्था थी उसमें नीतीश कुमार के ठीक बगल में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की कुर्सी लगी थी. पार्टी शुरू होने के कुछ देर तक तेजस्वी यादव का इंतजार हुआ. वहां मौजूद जेडीयू के नेताओं को लग रहा था कि शायद तेजस्वी यादव पहुंच जायें. कुछ देर बाद झिझक मिट गयी.
इसके बाद नीतीश कुमार के खास मंत्री अशोक चौधरी अपनी जगह से उठे और नीतीश कुमार के पास पहुंच गये. उन्होंने नीतीश की बगल में लगी कुर्सी पर लगायी गयी डिप्टी सीएम के नाम की पर्ची को उखाड़ कर फेंक दिया. फिर अशोक चौधरी उसी कुर्सी पर बैठ गये. अशोक चौधरी काफी देर तक नीतीश को अपने मोबाइल पर कुछ दिखाते रहे.
नये गठबंधन की झलक दिखी
एक दिलचस्प वाकया और हुआ. नीतीश कुमार के पास जब अशोक चौधरी आकर बैठ गये तो कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा भी वहीं पहुंच गये. विजय कुमार सिन्हा ने भी नीतीश औऱ अशोक चौधरी के बगल की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया और फिर तीनों काफी देर तक आपस में बात करते रहे.
बता दें कि 2022 में बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार किसी सार्वजनिक सभा में भाजपा नेताओं से निकटता दिखाने से परहेज करते रहे हैं. लेकिन आज पहली दफे वे काफी सहजता के साथ नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा से बात करते हुए दिखे. बिहार की सियासत में आगे क्या होने वाला है ये इस नजारे से भी साफ हो गया.
नीतीश बोले-उससे ही जाकर पूछिये
राजभवन में जो नजारा दिख रहा था वह बहुत कुछ स्पष्ट करने के लिए काफी था. लेकिन आखिरी तस्वीर नीतीश कुमार ने क्लीयर कर दिया. नीतीश कुमार जब राजभवन से निकल रहे थे तो मीडिया ने उनसे पूछा-तेजस्वी यादव इस कार्यक्रम में नहीं आय़े. नीतीश ने कहा-ये बात उससे ही जाकर पूछिये कि वह क्यों नहीं आया. नीतीश ऐसी भाषा का इस्तेमाल अपने विरोधियों के लिए करते रहे हैं. नीतीश के इस बयान से और साफ हो गया कि आगे क्या होने वाला है.