गर्लफ्रेंड के प्यार में पागल फिजियोथेरेपिस्ट ने अपनी पत्नी और दो नौनिहाल बच्चियों को मौत के घाट उतारा
अकसर अवैध संबंधों का अंत अपराध की दहलीज पर होता है। आंध्र प्रदेश में अवैध संबंधों के चलते एक डॉक्टर ने तो दरिंदगी की सारी सीमाएं लांघ दीं। फिजियोथेरेपिस्ट बी. प्रवीण ने गर्लफ्रेंड के साथ रहने के लिए अपने परिवार को ही उजाड़ दिया। उसने अपनी पत्नी और दो नौनिहाल बच्चियों को मार डाला। फिर उसे कार हादसे का रंग दे दिया और 45 दिनों तक अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मजे से रहता रहा। यह मामला खुला तो हर कोई फिजियोथेरेपिस्ट बी. प्रवीण की हैवानियत जान सन्न रह गया। 32 साल के प्रवीण ने अपनी पत्नी को एनेस्थीसिया की ओवरडोज दे दी और फिर उसे कार हादसे का रंग दे दिया।
यही नहीं अपनी 5 और तीन साल की बच्चियों कृषिका एवं कृतिका के नाक और मुंह दबाकर उन्हें मार डाला। यह सब उसने इसलिए किया ताकि अपनी गर्लफ्रेंड सोनी फ्रांसिस के साथ रह सके। उसने इस तिहरे हत्याकांड को इस तरह अंजाम दिया कि डेढ़ महीने तक सामान्य जिंदगी जीता रहा और किसी को खबर नहीं लगी। पुलिस की ओर से पकड़े जाने तक किसी को उस पर शक तक नहीं था। उसने 28 मई को इस कांड को अंजाम दिया और अब जाकर पकड़ा गया। उसने पत्नी कुमारी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया था। हाई डोज का इंजेक्शन देने के बाद कार दुर्घटना का रंग दे दिया। पुलिस को यह इंजेक्शन मिला था तो उसे शक हुआ कि इसका गलत इस्तेमाल हुआ होगा।
फिर जांच की तो सारा मामला ही खुल गया। उसने अपनी बेटियों को कार की अगली सीट पर बिठाया और फिर उनके मुंह और नाक बंद कर दिए। इससे उनका दम घुट गया और मौत हो गई। 48 दिनों के बाद पुलिस ने प्रवीण को पकड़ा है, जिसे अब न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। खम्मम जिले के रघुनाथपेलम पुलिस थाने के एसएचओ कोंडल राव ने कहा कि प्रवीण मामूली चोट के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था। फिर हैदराबाद पहुंच गया और वहां सामान्य जीवन जी रहा था।
उन्होंने इस हादसे के खुलासे पर कहा, ‘कुमारी के शरीर पर हमें सुई लगने के निशान मिले, जिससे हमें संदेह हुआ था। कुमारी और बच्चों के शरीर पर कोई और निशान नहीं थे। इसके बाद पोस्टमार्टम करके शव परिवार को सौंप दिए गए। इसके बाद जब जांच टीम जब हादसे वाली जगह पहुंची तो वहां इंजेक्शन पाया गया। यह कार में मिला था। यह खाली था, लेकिन इससे एक क्लू मिला कि शायद कुछ गलत हुआ था।’ इसके बाद इंजेक्शन को जांच के लिए लैब में भेजा गया। तब तक प्रवीण हैदराबाद के एक अस्पताल में नौकरी करता रहा है और गर्लफ्रेंड के साथ रह रहा था।
सूत्रों का कहना है कि वह गर्लफ्रेंड सोनी के साथ किराये के एक अपार्टमेंट में था। जो उसी अस्पताल में नर्स थी। एसएचओ राव ने कहा कि प्रवीण को लगता था कि वह पूरी तरह बच निकलेगा। इसकी वजह थी कि हमने 45 दिनों तक उससे कोई संपर्क नहीं किया। हमने इसे हादसे के तौर पर दर्ज भी किया था। ऐसे में प्रवीण पूरी तरह बेफिक्र था। लेकिन जब इंजेक्शन की फॉरेंसिक जांच हुई तो संदेह गहराया। अब जांच में पूरी बात सामने आ गई है और प्रवीण ने गुनाह कबूल कर लिया।
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