मंत्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में आर्द्रभूमियों के संरक्षण एवं प्रबंधन के संबंध में आयोजित की गई समीक्षा बैठक

2025 1image 17 41 395217314prem

पटनाः पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में अरण्य भवन, पटना के चतुर्थ तल स्थित संजय सभागार में आर्द्रभूमियों के संरक्षण एवं प्रबंधन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFT) / प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक /अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्य नियोजना प्रशिक्षण एवं विस्तार, बिहार / निदेशक, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण, बिहार/मुख्य वन संरक्षक, प्रशासन एवं मानव संसाधन, बिहार / मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन, बिहार/मुख्य वन संरक्षक-सह-राज्य नोडल पदाधिकारी, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आर्द्रभूमि, बिहार/वन संरक्षक, वन्यप्राणी अंचल, पटना / सचिवालय की ओर से संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार द्वारा भाग लिया गया।

  • ऐसी आर्द्रभूमि क्षेत्र, जो जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण है। उन महत्वपूर्ण स्थलों को रामसर संधि के तहत रामसर स्थल के रूप में घोषित किया जाता है ताकि उनका संरक्षण एवं विकास किया जा सके। रामसर साइट घोषित होने के उपरान्त उक्त साइट के संरक्षण एवं विकास हेतु राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय सहयोग मिलता है, जिसमें आस-पास के ग्रामीणों को सुगमता से आजीविका / रोजगार प्राप्त होते हैं।

  • बेगूसराय वन प्रमंडल अन्तर्गत कांबरताल आर्द्रभूमि वर्ष 2020 में रामसर साइट के रूप में घोषित किया गया है। वर्ष 2024 में जमुई वन प्रमंडल अन्तर्गत स्थित नागी एवं नकटी पक्षी आश्रयणियों को भी रामसर साइट के रूप में घोषित किया गया है। वर्तमान में राज्य में कुल 03 आर्द्रभमियों को रामसर साइट के रूप में घोषित किया गया है एवं 03 अन्य आर्द्रभूमि यथा-उदयपुर झील (बेतिया), गोगाबील (पूर्णियां) एवं गोकुल जलाशय (भोजपुर) को रामसर साइट के रूप में घोषित किए जाने का प्रस्ताव मंत्री के अनुशंसा उपरान्त भारत सरकार को भेजा गया है।

  • आर्द्रभूमियों (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017 के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में अवस्थित प्रमुख 216 आर्द्रभूमियों का संक्षिप्त दस्तावेज, स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया है। उक्त आर्द्रभूमियों का संरक्षण एवं विकास कार्य केन्द्र / राज्य योजना के तहत किया जा रहा है।

  • आर्द्रभूमि के संरक्षण एवं उनके आस-पास जन जागरूकता लाने के लिए 680 वेटलैंड मित्र बनाए गए है तथा उनको प्रशिक्षित करने हेतु राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

  • बिहार राज्य आर्द्रभूमि शोध एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना किए जाने का निर्णय बिहार राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण के द्वारा लिया गया है।

  • गोकुल जलाशय का समेकित प्रबंधन योजना स्वीकृत की गई है जिसके अंतर्गत 32.483 करोड़ रुपए की लागत से 2027-28 तक इसे विकसित किया जाना है।

  • राज्य के 4500 आर्द्रभूमि का Groundtruthing हेतु Mobile App विकसित किया जा रहा है। मंत्री द्वारा राज्य के 05 महत्वपूर्ण आर्द्रभूमियों सरोत्तर झील (मोतिहारी), नरसन चौर (तिरहुत) मनिका मन (तिरहुत), सुनकी सुईया भागड़ (भोजपुर) एवं कढ़िओ चौर (बेगूसराय) को रामसर साइट घोषित कराने हेतु राज्य स्तर से प्रस्ताव तैयार करने का निदेश दिया गया। राज्य के महत्वपूर्ण आर्द्रभूमियों को रामसर साइट घोषित कराने हेतु मंत्री द्वारा अथक प्रयास किया जा रहा है, जिससे आम जनमानस को आजीविका एवं रोजागार मिल सके।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.