अगस्त क्रांति के पूर्व संध्या पर संगोष्ठी का आयोजन क्रांतिकारी आंदोलन पर रखा गया विचार
फ्रेंड्स ऑफ तिलकामांझी सामाजिक मित्र मंडली भागलपुर द्वारा तिलकामांझी स्थित कार्यालय में अगस्त क्रांति के पूर्व संध्या पर “क्रांतिकारी आंदोलन और वीर आदिवासी” विषयक संगोष्ठी आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष इंदु भूषण झा ने की। संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रचलित कर संस्था के प्रधान संरक्षक जगतराम साह कर्णपुरी ने किया।
इस मौके पर वीर आदिवासी क्रांतिकारी तिलकामांझी, सिद्धो, कान्हो, चांद, भैरव एवं बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर सदस्यों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। तदुपरांत अपने उद्बोधन में जगतराम साह कर्णपुरी ने कहा कि जंग ए आजादी आंदोलन में अगस्त क्रांति का महत्वपूर्ण स्थान है।
इस आंदोलन में वीर आदिवासी, क्रांतिकारियों का बहुमूल्य योगदान रहा। वीर आदिवासी, क्रांतिकारियों की वीरता की कहानी संपूर्ण देश में बिखरा पड़ा है। मुख्य अतिथि सुमन भारती ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम एक दिन में पूरा नहीं हुआ। आजाद सांसे हासिल करने में हजारों आदिवासी वीर क्रांतिवीरों ने अपने प्राण भारत माता के चरणों में अर्पित किए है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए इंदु भूषण झा ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में आदिवासी क्रांतिकारियों के आंदोलन को विभिन्न नाम से जाना गया। संपूर्ण देश में वीर आदिवासी, सुदूर जंगलों में रहने वाले वनवासियों ने आजादी आंदोलन को मूर्त रूप दिया। उनकी वीरता की कहानी संपूर्ण देश में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
इसके अलावा संगोष्ठी को प्रतीक आनंद, सोमनाथ शर्मा एवं अनिल तिवारी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर संस्था के चंदन झा, राणा पोद्दार, अमित प्रताप सिंह, पवन यादव, रोहित यादव समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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