लद्दाख में तैनात एक सेना के जवान की बिहार के जमुई में सड़क हादसे में मौत हो गई. जमुई के लाल अजीत पांडे की अंतिम विदाई में हजारों लोग शामिल हुए.आर्मी जवानों के द्वारा तिरंगा निकाली गई. बंझुलिया गांव के लाल को तिरंगे में लिपटा देख सभी की आंखें नम हो गई थी. भारत माता की जय और अजीत पांडे अमर रहे के गगनभेदी नारों के बीच पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
निकाली गई तिरंगा यात्रा: गया से बंझुलिया गांव पहुंचे आर्मी 162 बटालियन के जवानों ने तिरंगा यात्रा निकाली गई. यात्रा गिद्धार के गांव गलियों, चौराहोंं से गुजरते हुए शहीद अजीत पांडे अमर रहे के नारों के साथ बंझुलिया गांव के निकट उलाय नदी शमशान घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर से शहीद को अंतिम विदाई दी गयी।
गया आर्मी को जवानों ने परिजनों से की मुलाकात: दरअसल, जिले के जमुई गिद्धौर मुख्य राजमार्ग पर बंझुलिया गांव के निकट सड़क हादसे का शिकार हुए बंझुलिया गांव निवासी राजेश पांडे के पुत्र अजीत पांडे की मौत हो गई थी. मंगलवार को गया से आये आर्मी 162 के जवानों द्वारा गिद्धौर के बंझुलिया गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात कर उनका ढाढस बंधाया एवं दुख के इस घड़ी में गहरी संवेदना व्यक्त की।
जवान की पत्नी और मां की हालत नाजुक: गिद्धौर के बंझुलिया गांव निवासी राजेश पांडेय के पुत्र अजीत पांडे, पोती अदिति (पिता पुत्री ) सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई. वहीं मां और पत्नी जिंदगी मौत से अब भी जूझ रहे हैं. बताते चलें कि मृतक जवान की मां बुलबुल देवी पत्नी अस्मिता कुमारी की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
हादसे में जवान और बेटी की मौत: बता दें कि खैरा प्रखंड के बाबा गिधेश्वर नाथ मंदिर से अपने घर लौटने के क्रम में अजीत पांडे पुत्री, पत्नी, मां और एक मित्र नीरज पंडित के साथ अपने ही निजी वाहन से पूजा अर्चना कर अपने घर बंझुलिया लौट रहे थे. तभी एक बाइक सवार को बचाने के क्रम में उनकी गाड़ी सीधे पेड़ से जा टकरायी. जिसमें आर्मी जवान अजीत पांडे एवं अठारह माह की पुत्री अदिति की मौत हो गयी।