गंडक बराज से चार लाख क्यूषेक पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति गंभीर बनी हुई है. जन संसाधन विभाग को नेपाल से मिल रही सूचना अनुसार 6.5 लाख क्यूषेक पानी छोड़ा गया है. इससे भारी तबाही मच सकती है. गंडक बराज वाल्मीकि नगर के कुल 36 फाटक खोल दिए गए है .पानी मे शिल्ट की अधिकता के चलते सुरक्षा हेतु नहरों के गेट बंद कर दिए गए है. 56 साल बाद इतना पानी आया है. इसका असर गोपालगंज,छपरा, बेतिया,सहित कई जिलों पर पड़ेगा. बाढ़ को लेकर लोग सहमे हुए हैं. इसका असर पटना पर भी पड़ सकता है।
गंडक नदी के तटबंधों की सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दिया गया है दिन रात लगातार जलसंसाधन विभाग और स्थानीय पदाधिकारी बांधो पर पेट्रोलिंग कर रहे है।
निचले इलाके के लोगो को सुरक्षित स्थान पर जाने की सूचना प्रसारित किया गया है. नदी मे किसी भी प्रकार के नाव परिचालन बंद कर दिया गया है।
प्रशासन हाई अलर्ट पर है। संभावित बाढ़ के खतरा से निबटने की पूरी तैयारी का दावा प्रशासन की और से किया जा रहा है।
बता दें नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से गंडक नदी में 6 लाख 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं पहाड़ी नदियां भी उफान पर है. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व क्षेत्र से होकर गुजरने वाली कई पहाड़ी नदियां विकराल रूप धारण कर चुकी हैं. पानी छोड़े जाने के बाद बिहार में प्रलय के से हालात हैं.नदियों के किनारे रहने वाले लोग पानी देखकर भी डरते हैं.पहले, तटवर्ती क्षेत्र के निवासियों को सुरक्षित क्षेत्रों में जाने के लिए कहा गया था. उत्तर बिहार पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी शुक्रवार से ही अलर्ट पर हैं।