रेबीज (Rabies) का एक बेहद चौंका देने वाला मामला सामने आया है। ग्रेटर नोएडा में एक महिला की रेबीज के कारण मौत ( Woman dies from rabies) हो गई, लेकिन हैरान करने वाली बात यह थी कि यह इन्फेक्शन गाय के दूध के जरिए हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाय को कुत्ते के काटने की वजह से रेबीज हो गया था और इसका दूध पीने की वजह से महिला को भी रेबीज इन्फेक्शन (Rabies Infection) हुआ। दूध पीने के कुछ दिनों बाद महिला में रेबीज के लक्षण (Rabies Symptoms) दिखाई देने शुरू हो गए, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
आमतौर पर माना जाता है कि कुत्ते के काटने या चाटने की वजह से ही रेबीज होता है। लेकिन रेबीज और भी कई तरीकों से फैल सकता है, जिनके बारे में जानकारी होनी जरूरी है। आइए जानते हैं कि रेबीज के लक्षण (Rabies Early Symptoms) कैसे होते हैं और इससे बचाव के लिए किन-किन बातों का ध्यान (Rabies Prevention) रखना चाहिए।
क्या है रेबीज?
रेबिज (Rabies) एक गंभीर और जानलेवा वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलती है। यह बीमारी रेबीज वायरस (Lyssavirus) के कारण होती है और यह दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। रेबिज का इन्फेक्शन आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने या खरोंचने से फैलता है। अगर समय पर इसकी वैक्सीन न लगवाई जाए, तो यह बीमारी जानलेवा बन जाती है।
रेबिज के लक्षण
रेबिज के लक्षण आमतौर पर इन्फेक्शन के 1 से 3 महीने बाद दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह कुछ दिनों से लेकर एक साल तक भी देरी से प्रकट हो सकते हैं।
- बुखार
- सिरदर्द
- थकान और कमजोरी
- मांसपेशियों में दर्द
- काटे हुए स्थान पर खुजली, दर्द या सुन्नता
- बेचैनी और घबराहट
- भ्रम या मानसिक असंतुलन
- ज्यादा लार आना
- निगलने में परेशानी (हाइड्रोफोबिया)
- मांसपेशियों में ऐंठन
- पैरालिसिस (Paralysis)
- कोमा
रेबिज से बचाव के उपाय
- पालतू जानवरों की वैक्सीनेशन- अपने पालतू जानवरों, जैसे कुत्ते और बिल्लियों, को नियमित रूप से रेबिज का टीका लगवाएं। यह रेबिज को फैलने से रोकने का सबसे असरदार तरीका है।
- जंगली जानवरों से दूरी बनाए रखें- जंगली या आवारा जानवरों से दूर रहें, खासकर उन जानवरों से जो असामान्य व्यवहार कर रहे हों। रेबिज से इन्फेक्टेड जानवर अक्सर आक्रामक या अजीब तरह से व्यवहार करते हैं।
- काटे जाने पर तुरंत कदम उठाएं- अगर किसी जानवर ने काट लिया है, तो तुरंत घाव को साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएं। इसके बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP)- अगर रेबिज इन्फेक्शन का खतरा हो, तो डॉक्टर पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) की सलाह दे सकते हैं। इसमें रेबिज का टीका और इम्युनोग्लोबुलिन दिया जाता है। यह इलाज इन्फेक्शन को रोकने में बहुत असरदार है।
- जागरूकता फैलाएं- लोगों को पालतू जानवरों के वैक्सीनेशन और जंगली जानवरों से सावधान रहने के बारे में बताएं।
- बच्चों को सुरक्षित रखें- बच्चों को जानवरों के साथ सुरक्षित व्यवहार करने के बारे में सिखाएं। उन्हें आवारा या जंगली जानवरों से दूर रहने की सलाह दें।
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