जाको राखे साईयां, मार सके ना कोई’ यह कहावत साठ वर्षीय प्रमिला देवी पर चरितार्थ हुआ है जो मौत को मात देने में सफल रही. प्रमिला करीब 100 किलोमीटर तक गंगा नदी में बहती रही, बावजदू इसके वह सुरक्षित बच गई. सोनपुर की प्रमिला देवी स्नान के दौरान गंगा नदी की तेज धारा में बह गई. लेकिन हैरान करने वाली बात रही कि वह करीब 100 किलोमीटर तक गंगा के तेज धारा में बहते रही. अंततः उसे पटना जिले के मोकामा के मेकरा गांव में ग्रामीणों ने गंगा नदी से बाहर निकाला.
ग्रामीणों के अनुसार महिला जान बचाने के लिए चिल्ला रही थी. मोकामा के मेकरा गांव में लोगों ने जब महिला के चिल्लाने की आवाज सुनी तो वे नाव के सहारे प्रमिला देवी तक पहुंचे और उसे सकुशल बचा लिया. मौत के मुहाने से निकली महिला प्रमिला देवी के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं रहा. गंगा की उफनती धारा में करीब 100 किलोमीटर तक बहने के बाद भी सुरक्षित रह जाना एक हैरान करने वाला वकाया रहा. सबसे हैरानी वाली बात रही कि महिला को तैरने भी नहीं आता था लेकिन वह बहती हुई सोनपुर से मोकामा तक आ गई.
प्रमिला ने बताया कि वह अपने पति के साथ गंगा स्नान कर रही थी. इसी दौरान दोनों गंगा नदी की तेज धार में बह गए. प्रमिला देवी गंगा में बहते हुए मोकामा पहुंच गयी. लगभग 100 किलोमीटर गंगा नदी में बहकर मोकामा पहुंची प्रमिला देवी को सकुशल देख ग्रामीण हतप्रभ रह गए. ग्रामीणों के अनुसार यह कुदरत का करिश्मा है कि उफनती गंगा नदी की गोद से महिला की जान महफूज रह गयी. वहीं प्रमिला देवी के लिए यह किसी चमत्कार की भांति रहा.
कई घंटों तक पानी में बहते रहने के बाद भी प्रमिला देवी आराम से बोल-चलने में समक्ष हैं. उनका स्थानीय स्तर पर प्राथमिक देखरेख करने के बाद परिजनों को उनके सकुशल होने की सुचना दी गई. गौरतलब है कि इन दिनों गंगा नदी उफनाई हुई है. गंगा में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. ऐसे में प्रमिला देवी का करीब 100 किलोमीटर तक गंगा नदी में मौत को मात देकर बहते रहना सबको अचंभित किए है.