पटना में स्थित मोइनुल हक स्टेडियम का नए सिरे से निर्माण होगा। नए सिरे से निर्माण के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मान्यता प्राप्त संस्था बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) को स्टेडियम लीज पर सौंपा जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बीसीसीआई से करार (एमओयू) के प्रारूप को स्वीकृति दी गई। आज की बैठक में कुल 25 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
बीसीए से जो करार होगा वह एक रुपये की दर पर
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि स्वीकृत एमओयू प्रारूप में प्रविधान किए गए हैं कि स्टेडियम के निर्माण के लिए बीसीए से जो करार होगा वह एक रुपये की दर पर होगा। यह प्रविधान सात वर्ष तक रहेगा। सात वर्ष के बाद लीज की अवधि 30 वर्ष की होगी। इस दौरान जो लाभ होगा उसमें 50 प्रतिशत हिस्सा बीसीसीआई और 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार को प्राप्त होगा।
30 वर्ष की इस लीज अवधि को आगे और 30 वर्ष तक के लिए बढ़ाया जा सकेगा। करार के अनुसार एक वर्ष में एक तिहाई निर्माण करना होगा। दूसरे वर्ष में आधा और तीसरे वर्ष में स्टेडियम का नए सिरे से पूरा निर्माण करना होगा।
होंगे डे-नाइट मैच, 40 हजार होगी क्षमता बनेंगे; 76 कॉरपोरेट बॉक्स
सिद्धार्थ ने बताया कि नए स्वरूप में स्टेडियम के आने के बाद यहां दिन रात छोटे मैच हो सकेंगे। यहां नौ विकेट ग्राउंड होंगे। स्टेडियम में 40 हजार लोगों के बैठने की क्षमता होगी। यहां कुल 76 कॉरपोरेट बॉक्स बनाए जाएंगे जिनमें बैठ मैच देखा जा सकेगा।
इसके अलावा, 250 क्षमता की मीडिया गैलरी भी होगी। स्टेडियम में टेनिस कोर्ट, बास्केट बाल कोर्ट के अलावा स्वीमिंग पूल, स्पा और जिम की सुविधा भी होगी। साथ ही यहां 70 कमरों का फाइल स्टार होटल के साथ ही रेस्टोरेंट और डिनर हाल भी बनेगा। निर्माण पर होने वाले व्यय का भार बीसीए को वहन करना होगा।
होमगार्ड कर्मियों को मिलेगा एक महीने का अतिरिक्त मानदेय
बिहार गृह रक्षा वाहिनी सेना के अराजपत्रित कर्मियों, जिनमें सिपाही से लेकर निरीक्षक तक के कर्मी शामिल हैं, को बिहार पुलिस के अराजपत्रित कर्मियों की तरह अवकाश के दिनों में काम करने के एवज में एक माह के वेतन के बराबर मानदेय मिलेगा। इसके अलावा उन्हें एक पंचांग वर्ष में 20 दिनों की क्षतिपूर्ति अवकाश की स्वीकृति देने का भी निर्णय भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। इसके लिए गृह विभाग की विशेष शाखा द्वारा विभागीय संकल्प में संशोधन किया गया है।