सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) डेथ केस में एक नया अपडेट सामने आया है। 14 जून 2020 में एक्टर के घर से उनका शव बरामद हुआ था। उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी लेकिन उनके परिवार का दावा था कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की बल्कि मामला कुछ और है। इस केस को दिशा सालियान की मौत स भीं जोड़ा गया, ऐसे में इस केस में CBI जांच की गई। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बेटे का नाम भी दोनों केस में लगातार सामने आ रहा है। जिसके बाद अब शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने हाई कोर्ट से एक खास अपील की है।
आदित्य ठाकरे की याचिका
अब आदित्य ठाकरे का कहना है कि बॉम्बे हाई कोर्ट सुशांत सिंह राजपूत और उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान (Disha Salian) मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष जरूर सुने। 13 अक्टूबर को उनके वकील राहुल अरोटे ने एक एप्लीकेशन फाइल की जिसमें कहा गया है कि जनहित याचिका सुनवाई (PIL) योग्य नहीं है। क्योंकि सरकारी एजेंसी पहले से ही इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं। बता दें, ‘सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट लिटिगेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष ने इस साल सितंबर में एक याचिका दायर की थी।
वकील का बयान
इसमें उन्होंने दिशा और सुशांत की मर्डर मिस्ट्री की जांच के लिए आदित्य ठाकरे को तुरंत गिरफ्तार कर हिरासत में लेकर सवाल-जवाब करने की मांग की गई थी। ये जनहित याचिका अभी तक सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के सामने नहीं रखी गई है। ऐसे में वकील का कहना है, ‘हमने एक इंटरवेंशन एप्लीकेशन फाइल की है जिसमें कहा गया है कि कोई भी आर्डर पास करने से पहले हमारा पक्ष भी सुना जाना चाहिए।’
CBI कर रही जांच
उन्होंने आगे कहा, ‘हमने कहा है कि जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि CBI पहले से ही सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच कर रही है। एक जनहित याचिका में कोई भी आदेश कैसे पारित किया जा सकता है जब एक सरकारी एजेंसी पहले से ही जांच में शामिल है।’ बता दें, ये दोनों केस अभी तक उलझे हुए हैं। सुशांत और दिशा की मौत की गुत्थी अब तक सुलझ नहीं पाई है।