दिल्ली चुनाव के शुरुआती रुझानों में BJP को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है। रुझानों के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया है। चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि आप का किला इस बार दिल्ली में ढह गया है। आईए जानते हैं कि आखिर क्यों दिल्ली के चुनाव में केजरीवाल की पार्टी खराब प्रदर्शन करती नजर आ रही है।
रुझानों के मुताबिक पिछले चुनावों की तुलना में आम आदमी पार्टी ने बेहद खराब प्रदर्शन किया है। 2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती थीं, लेकिन 2020 में यह संख्या घटकर 62 हो गई। दूसरी ओर बीजेपी ने 2015 में 3 सीटें जीतीं और 2020 में 8 सीटें. इस बार उसकी सीटें काफी बढ़ने वाली हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे कई प्रमुख वजह हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप
अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के शीर्ष नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और उनकी गिरफ्तारी ने पार्टी की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया। इन कानूनी विवादों ने आप की भ्रष्टाचार विरोधी छवि को कमजोर किया। जिसके कारण जनता से किये गये कई वादों को केजरीवाल की पार्टी ने पूरा नहीं किया।
आंतरिक कलह और इस्तीफे
पार्टी के भीतर आंतरिक विवाद और प्रमुख नेताओं के इस्तीफे, जैसे कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद का पार्टी छोड़ना संगठनात्मक कमजोरी को उजागर करता है। जिसके कारण कहीं ना कहीं दिल्ली में केजरीवाल की पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा।
नेतृत्व में अस्थिरता
केजरीवाल की गिरफ्तारी और बाद में इस्तीफे के कारण पार्टी के नेतृत्व में अस्थिरता आई। नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की नियुक्ति के बावजूद नेतृत्व में यह बदलाव पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। सबसे बड़ी बात ये रही कि अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता में जबरदस्त तरीके से कमी आई। दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के चेहरे पर पार्टी को वोट दिया लेकिन सीएम की गिरफ्तारी और फिर उनके इस्तीफे ने लोगों में उनका भरोसा कम कर दिया।
पार्टी की खराब छवि
विपक्षी दलों ने आप पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का उपयोग करके उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, जिससे पार्टी की छवि को और नुकसान पहुंचा।
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