जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए अब्दुल्ला, मुफ्ती, नेहरू-गांधी परिवार जिम्मेदारः अमित शाह
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक चुनावी जनसभा में कहा कि विधानसभा का यह चुनाव जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों के शासन को समाप्त करने जा रहा है।
अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती परिवार और नेहरू-गांधी परिवार, इन तीन परिवारों ने यहां लोकतांत्रिक शासन की राह में रोड़े अटकाये। अगर 2014 में मोदी सरकार नहीं आती तो पंचायत, ब्लॉक और जिले के चुनाव नहीं होते। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, स्टार प्रचारक, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए आज जम्मू-कश्मीर में हैं।
पुंछ जिले के मेंढर में चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवार ने 1990 के दशक से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाया। उन्होंने कहा, “1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में कितनी गोलीबारी होती थी। पहले यहां गोलीबारी इसलिए होती थी क्योंकि पहले यहां के आका पाकिस्तान से डरते थे लेकिन अब पाकिस्तान प्रधानमंत्री मोदी से डरता है।
इनकी हिम्मत नहीं है गोलीबारी करने की और अगर इन्होंने गोलीबारी की तो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। आज मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म कर दिया है। यहां के युवाओं को पत्थर की जगह लैपटॉप दिए गए हैं।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता साह ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने कहा है कि हम आरक्षण समाप्त करेंगे जबकि हम कह रहे हैं कि हम प्रमोशन में भी गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण देंगे। प्रधानमंत्री मोदी के आने बाद ओबीसी, पिछड़ों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण मिला। जब मैंने विधेयक पेश किया तो फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने विरोध किया और यहां गुज्जर भाइयों को भड़काना शुरू किया। जब मैं राजौरी आया था तब मैंने वादा किया था कि हम गुज्जर भाइयों के आरक्षण को कम नहीं करेंगे और पहाड़ियों को भी आरक्षण देंगे और हमने आपना वो वादा निभाया है।
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