कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट रविवार को शहर की प्रेजीडेंसी जेल में किया गया। चार घंटे तक चले टेस्ट के दौरान उससे वारदात के बारे में जानकारी ली गई। संजय रॉय इसी जेल में बंद है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से पॉलीग्राफ विशेषज्ञों का एक दल जांच करने के लिए कोलकाता गया है। मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट पहले शनिवार को होना था लेकिन, तकनीकी कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था।मामले में शनिवार को छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। इनमें अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार डॉक्टर और एक स्वयंसेवक शामिल था।
सीसीटीवी कैमरों से निगरानी मुख्य आरोपी संजय रॉय को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल के सेल नंबर 21 में रखा गया है। वह सेल में अकेला है। उसकी सेल के बाहर कड़ी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
शारीरिक प्रतिक्रियाओं से पहचाना जाता है सच
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ। टेस्ट को मुकदमे के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे मिले निष्कर्ष एजेंसी को आगे की जांच के लिए दिशा देते हैं।