घटना की सूचना मिलते ही डीएम राजीव रौशन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी ने पर्यवेक्षण गृह का दौरा किया. जिला जज और डीएम ने आवासित बच्चों से मिलकर उनका हाल चाल जाना. इतना ही बाल कैदी के मौत की खबर सुनकर अन्य बाल बंदियों के परिजन भी पहुंच गए है.
गार्ड सहित आठ कैदियों पर केस: जांच के दौरान डीएम ने कहा की बाल बंदी की मौत की ज्यूडिशियल जांच कराने का आदेश दिया गया है. वहीं प्रथम दृष्टया जांच के बाद गार्ड सहित आठ विधि विरुद्ध लोगों के खिलाफ लहेरियासराय थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसे आवासित बच्चों के परिजनों में हड़कंप मच गया.
बाल गृह में पैसे की डिमांड: समस्तीपुर जिला से अपने बाल बंदी से मिलने आई नानी सुनीता कुमारी ने कहा की बाल सुधार गृह में बंदी की मौत की जानकारी मिली थी. इसके बाद हम अपने बच्चे से मिलने आए हैं. यहां आने पर पता चला कि डीएम और जज निरीक्षण कर रहे है. मृतक के छोटे भाई राम लक्ष्मण महतो ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बाल गृह में आते पैसे का लगातार डिमांड किया जा रहा था.
परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप: मृतक के छोटे भाई राम लक्ष्मण महतो ने बताया कि 30 मार्च को भी 600 रुपये का डिमांड किया गया था. जिसके बाद परिजनों ने 600 रुपये वैभव कुमार मलिक नाम के अकाउंट में भेजा गया था. इसी दौरान बातचीत में मृतक में परिजनों से टॉर्चर करने की बात कही थी. 10 अप्रैल को भी पैसे का डिमांड किया गया था जब परिजनों ने पैसे नहीं भेजे तो उसके साथ मारपीट की गई.
अस्पताल पहुंचने से पहले हो गई मौत: अमरजीत की मौत के बाद परिजनों को तबियत खराब होने की बात कहकर डीएमसीएच आने को कहा गया था। जब तक परिजन डीएमसीएच आए तब तक उसका मौत हो चुकी थी. जब परिजनों ने शव को देखा तब मृतक के चेहरे पर काफी गम्भीर ज़ख्म मिले थे. इसके बाद पुलिस ने गार्ड सहित आठ विधि विरुद्धों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
“पर्यवेक्षण गृह में एक बाल बंदी अमरजीत यादव (16) की मौत हो गई थी. इसकी जांच के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश के साथ आकर यहां आवासित बच्चों से मिल रहे है. बाल बंदी की मौत की ज्यूडिशियल जांच कराई जा रही है.” -राजीव रौशन, डीएम, दरभंगा
पत्नी की हत्या का केस दर्ज: जानकारी के अनुसार मृतक अमरजीत के खिलाफ पत्नी की हत्या कर शव को गायब करने को लेकर उसकी सास ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमे आरोपी ने समस्तीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. सरेंडर करने के बाद कोर्ट के आदेश पर उसे रोसरा जेल भेज दिया गया था, लेकिन उसने कोर्ट में अपनी पैरवी खुद से करते हुए घटना के समय वह अपने आप को नाबालिग बताया था जिसके बाद कोर्ट के निर्देश पर उसे दरभंगा के बाल सुधार गृह में 28 मार्च को लाया गया था.