बेंगलुरु जल संकट पर शुरू हुआ एक्शन, जल बोर्ड ने निजी टैंकरों पर की सख्ती

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बेंगलुरु जल संकट को लेकर बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने कहा है कि सारा शहर इस जल संकट से प्रभावित नहीं है। शहर के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के कुछ इलाकों में पानी किल्लत आ रही है। इन इलाकों में पीनिया इंडस्ट्रियल एरिया, नागरभावी, व्हाइटफील्ड, सरजापुरा के अंदरूनी इलाके प्रमुख तौर पर शामिल हैं। बोर्ड ने कहा कि चूंकि इन इलाकों में ग्राउंड वॉटर लेवल पहले से ही काफी कम है। इसलिए पिछले कई सालों से इन इलाकों में अप्रैल और मई के महीने में बोरवेल सूख जाते हैं और यहां के लोगों को टैंकर से पानी की सप्लाई करवानी पड़ती है।

बेंगलुरु में जल संकट पर एक्शन

बोर्ड ने कहा कि मई के अंत तक जैसे ही मॉनसून आता है ग्राउंड वॉटर रिचार्ज हो जाता है और फिर पेयजल का संकट कम हो जाता है। इस बार ये समस्या ज्यादा बढ़ी क्योंकि पिछले साल कम मानसून के चलते फरवरी के खत्म होते होते ही इन इलाकों में बोरवेल सूख गए। प्राइवेट टैंकर्स ने पानी के लिए मुंह मांगा दाम वसूलना शुरू कर दिया। इन क्षेत्रों में जो जुग्गी झोपड़ियां हैं, वहां समस्या और भी बढ़ गई है, क्योंकि वहां मोहल्ले की टंकियों में पानी की सप्लाई पर असर पड़ने लगा है।

इसकी वजह ये रही कि ज्यादा पैसों के लालच में निजी टैंकर्स ने बड़े-बड़े अपार्टमेंट्स में सप्लाई शुरू कर दी, जिसके चलते उन लोगों को पानी की ज्यादा किल्लत हो गई।

जल बोर्ड ने क्या कहा?

बोर्ड ने आगे कहा कि इसी तरह सरकार के RO प्लांट में भी सप्लाई पर असर पड़ा। पहले 5 रुपए में 20 लीटर पीने का शुद्ध पानी मिलता था। अब उसे 10 रुपए कर दिया गया है और एक सदस्य को एक ही कैन दिया जा रहा है। इन सब समस्याओं का संज्ञान लेते हुए प्रशासन हरकत में आया। इसी कारण अब सरकार ने सभी निजी टैंकर्स को अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया है। बता दें कि जल्द ही पीने के पानी से वाहनों की धुलाई और बागवानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाएगी। साथ ही बीडब्ल्यूएसएसबी ने बिल्डर के लिए एक पोर्टल बनाया है, जहां से भवन निर्माण के लिए ट्रीटेड वॉटर ले पाएंगे।

प्राइवेट टैंकरों पर सरकार का एक्शन

बता दें कि निजी टैंकरों पर सरकार की सख्ती के बाद अब अधिकांश जगहों पर प्रभावित इलाकों में नियमित सप्लाई हो रही है। हालांकि झुग्गी बस्तियों में अब कुछ दिक्कतों का लोगों को सामना करना पड़ रहाहै। पानी के संकट के कारण स्कूल और कॉलेजों को बंद किए जाने की खबर फर्जी है। साथ ही शहर के बन्नेरघट्टा इलाके में जिस सरकारी स्कूल में पानी का संकट था, उसे भी दुरुस्त कर लिया गया है। बता दें कि बच्चों को पर्याप्त पानी की सप्लाई की जा रही है। साथ ही स्कूल जिसके बारे में कहा गया था कि पानी की किल्लत के कारण उसे बंद किया गया है।

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