सड़क का काम लेने के बाद उसे पेटी कांट्रैक्टर (उप पट्टा) से कराए जाने को पथ निर्माण विभाग ने गंभीरता से लिया है। विभाग ने ऐसे संवेदकों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई का मन बनाया है। संवेदकों पर कार्रवाई का मकसद समय पर सड़क परियोजनाओं का निर्माण पूरा करना है।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभाग के अधीन चल रही सड़क परियोजनाओं की समीक्षा की। इसमें पाया गया कि संवेदक कार्यों का कुछ हिस्सा छोटे संवेदकों को उप पट्टे पर बिना अनुमति दे रहे हैं। इस कारण सड़क परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। छोटे संवेदक कार्यों को समय पर पूरा नहीं कर पा रहे हैं। विभाग ने एजेंसियों की इस कार्यशैली को गंभीरता से लिया है। उपमुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों पर संज्ञान लेकर शीघ्र कार्रवाई का निर्देश वरीय पदाधिकारियों को दिया है। उपमुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया है कि आर्थिक अनियमितता के मामले में संलिप्त पदाधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
गुणवत्तापूर्ण कार्य ससमय पूरा हो, यह विभागीय पदाधिकारियों का दायित्व है। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि विगत तीन वर्षों में विभाग में संवेदकों से जुड़े न्यायिक मामलों की गहन समीक्षा की जाए और उस पर एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार की जाए।
दरअसल विभाग को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि संवेदक और पदाधिकारियों की मिलीभगत के कारण न्यायालय के समक्ष विभागीय पक्ष सबलता से नहीं रखा जाता है। इसका खामियाजा विभाग को आर्थिक तौर पर नुकसान के रूप में उठाना पड़ रहा है। ऐसे मामलों में दोषी पाये जाने वाले पदाधिकारियों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी।
स्टोन चिप्स के राशि भुगतान में सतर्कता बरतने की चेतावनी
सड़क निर्माण में स्टोन चिप्स के उपयोग पर भी विभाग ने सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। इंजीनियरों को चेतावनी दी गई है कि वे स्टोन चिप्स की राशि भुगतान में सतर्कता बरतें वरना मामला उजागर होने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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