सृजन घोटाला उजागर होने के छह साल बीत गए हैं। इस दौरान राज्य और जिला मुख्यालय के स्तर से कई तरह के निर्देश दिए जा चुके हैं। उन निर्देशों के पालन में लापरवाही बरतनेवाले कार्यालय के प्रधान लिपिक, नाजिर और स्थापना के लिपिक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए बिना पल गवाएं, जिले के सक्षम पदाधिकारी को रिपोर्ट की जाएगी।
ऐसा नहीं करनेवालों की भी संलिप्तता समझी जाएगी। ये निर्देश एडीएम ने सभी कार्यालय के प्रधान व प्रभारी लिपिक को दिए। साथ ही जिन कार्यालयों में कैशबुक अपडेट नहीं पाया जाएगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वैसे कार्यालय में जहां जांच के बाद गड़बड़ी पाई जाती है, उनके प्रधान लिपिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एडीएम ने कहा है कि कैशबुक को देखने पर पाया गया कि अग्रिम की बड़ी राशि शाखा व विभाग में वसूली जानी है और पेंडिंग है। वसूली की दिशा में आगे की कार्रवाई करने और संबंधित कर्मी का स्पष्ट पता नहीं होने की स्थिति में संबंधित विभाग की स्थापना शाखा से पत्राचार करने के निर्देश दिए गए। अग्रिम राशि की वसूली नहीं होने की स्थिति में वैसे कर्मचारी के खिलाफ नीलाम पत्र दायर करने को कहा गया है। जांच में पाया गया कि हर माह निर्देश देने के बाद भी कई कार्यालयों की ओर से कैशबुक की कॉपी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। बता दें कि कैशबुक अपडेट नहीं होना वित्तीय अनियमितता व गबन की आशंका को दर्शाता है। प्रधान लिपिकों की अगली बैठक में अपडेट रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।