बिहार में फूहड़ भोजपुरी और हिंदी गानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग, अभिनेत्री नीतू चन्द्रा ने पटना HC में दाखिल की याचिका

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बॉलीवुड अभिनेत्री (Bollywood Actress) और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता नीतू चंद्रा श्रीवास्तव (Neetu Chandra Shrivastava) ने बिहार सरकार (Bihar Government) से फूहड़ भोजपुरी (Bhojpuri Songs) और हिन्दी गानों (Hindi Songs) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। नीतू चंद्रा श्रीवास्तव ने कहा कि, फूहड़ भोजपुरी तथा हिन्दी गाने बिहार की स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों और महिलाओं का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं और वे नजरें झुकाकर सड़क पर चलने को मजबूर हैं।

इन गानों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगना चाहिए ।। Bhojpuri Songs

बॉलीवुड अभिनेत्री ने कहा कि इन्हीं गानों के चलते महिलाएं घर में टीवी भी देखना पसंद नहीं करती हैं। ऐसे गाना गाने वाले कई गायक आज प्रसिद्धि हासिल कर चुके हैं, जो समाज और देश के विकास में बाधक बन सकते हैं। जब लड़कियां या महिलाएं, सड़क पर सुरक्षित चल नहीं पायेंगी, तो क्या वे विकास के बारे में खाक सोच पायेंगी। शराबी पतियों से महिलाओं को बचाने के लिए यदि कोई सरकार अपने राज्य में शराबबंदी का कानून ला सकती है तो क्या वह स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों तथा महिलाओं के लिए इन फूहड़ गानों पर पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है। मैं चाहती हूं कि बिहार में इन गानों के निर्माण और बजाने पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं फूहड़ गाने

बिहार की बेटी नीतू चंद्रा श्रीवास्तव ने कहा कि फूहड़ गाने महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं तथा इन गानों का छोटे-छोटे बच्चों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। ये गाने समाज को गलत दिशा में ले जा सकते हैं और महिलाओं के प्रति सम्मान को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो बिहार के लोगों से इन गानों का पुरजोर विरोध करने की अपील करती हूं। उन्होंने कहा कि ऐसे गाना गाने वाले गायक और गायिकाओं पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इन दिनों हनी सिंह का एक भोजपुरी गाना काफी वायरल हो रहा है, जो अश्लीलता के सारी सीमा तोड़े हुए हैं।

पटना उच्च न्यायालय में दाखिल की याचिका ।। Patna Highcourt

नीतू चंद्रा ने कहा कि भाषा का आड़ लेकर महिलाओं के शरीर पर किसी तरह की कमेंट नहीं होनी चाहिए फिर भोजपुरी भाषा को तो मैं देश-विदेश तक लेकर गई हूं। भोजपुरी भाषा में मैं सम्मान भी लेकर आई हूं ऐसे में भोजपुरी भाषा के आड़ में कोई महिलाओं के लिए गंदे कमेंट्स वाले गाने नहीं बर्दाश्त किए जा सकते हैं। पटना उच्च न्यायालय में एक पीआईएल दाखिल किया गया है जिसकी अगुवाई सीनियर एडवोकेट निवेदिता निर्विकर ने विधिवत शशि प्रिया द्वारा सहायता किया जा रहा है। महिलाओं को कभी किसी को वस्तु समझने की भूल नहीं करनी चाहिए क्योंकि महिला का अपमान सदैव दुखदाई परिणाम का गवाह रहा है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
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