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BPSC पास कर अफसर बना मुजफ्फरपुर का आदित्य, रैंक 121, बिना दहेज के करेगा शादी, एक रुपया नहीं चाहिए

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बिहार के इस युवक ने BPSC में दो बार पाई सफलता, अब करेंगे बिना दहेज के शादी, जानें सफलता का मंत्र : बिहार में सरकारी नौकरी पाने वाले लड़कों की क्रेज बहुत पहले से चली आ रही है. एक तरह से कहा जाए तो अगर लड़के को सरकारी नौकरी मिल जाती है तो बेटी वालों का लाइन लग जाता है. कोई 10 लाख तो कोई आसानी से 20 लाख देने को तैयार हो जाता है. लड़का अगर बीपीएससी पास इंजीनियर या अफसर हो तो 50 लाख भी दिया जा सकता है. लेकिन इसी बिहार में कोई ऐसा भी है जो दहेज को ठुकराने की हिम्मत दिखा रहा है। आज हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं जो बीपीएससी परीक्षा पास कर इंजीनियर बना है और उसने ऐलान कर दिया है की शादी के लिए उसे एक भी रुपया नहीं चाहिए. आसान भाषा में कहा जाए तो वह दहेज लिए बिना शादी करना चाहता है और अपने इस फैसले से मम्मी पापा को अवगत करा चुका है. सुनने में अजीब लग रहा है लेकिन यह सच है…

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक अभियंता परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. इसमें मुजफ्फरपुर के आदित्य राज को 121वीं रैंक हासिल हुई है. शहर के साहू रोड निवासी आदित्य की इस सफलता से घर और मोहल्ले में खुशी का माहौल है।

बताते चलें कि बीपीएससी की परीक्षा में मिली सफलता के आधार पर आदित्य राज को नगर विकास और आवास विभाग आवंटित किया गया है. आदित्य अभी गया के टेकारी में जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत हैं. दोबारा सफलता मिलने के बाद आदित्य के परिवार में खुशी की लहर है।

मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले आदित्य बचपन से तेज छात्र रहे हैं. इन्होंने स्कूली पढ़ाई मुजफ्फरपुर जिला स्कूल से की है. स्कूली पढ़ाई खत्म होने के बाद आदित्य ने मेरठ इंटरनेशल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया. इससे पहले 2019 में बीपीएससी की इसी परीक्षा में आदित्य सफल हो चुके हैं. 2020 की सहायक अभियंता की परीक्षा में आदित्य को दोबारा सफलता मिली है. आदित्य के पिता अरुण कुमार मुजफ्फरपुर में राजस्व कर्मी के पद पर कार्यरत हैं।

अदित्य बताते हैं कि इस सफलता के पीछे मेरी मेहनत और परिवार का साथ है. मैंने कभी मेहनत को कम नहीं होने दिया. दो बार बीपीएससी की परिक्षा में सफलता पाई है. अब मैं एक सहायक अभियंता के रूप में कार्य करूंगा. दूसरी ओर,आदित्य राज के माता-पिता बताते हैं कि वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज और मेहनती था. इसका परिणाम यह है कि उसने दो बार बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पाई है. उन्होंने यह भी बताया कि वे लोग दहेज के विरोधी हैं. अपने बेटे की शादी बिना दहेज के करेंगे।