लोकसभा में घुसने वालों को आदित्य ठाकरे ने बताया ‘खतरों के खिलाड़ी’, जानें राम मंदिर पर क्या कहा

GridArt 20231222 154533878

देश की संसद में हुई सुरक्षा चूक मामले में विपक्षी दलों की ओर से बड़े स्तर पर प्रदर्शन देखने को मिला है। संसद में इस मुद्दे पर हुए हंगामे के बाद 140 से अधिक सांसदों को निलंबित भी किया गया जिसके खिलाफ विपक्षी दल प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, अब शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने संसद के अंदर घुसकर सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को खतरों के खिलाड़ी की संज्ञा दी है। इसके अलावा आदित्य ठाकरे ने राम मंदिर के उद्घाटन के मुद्दे पर भी सरकार पर निशाना साधा है।

संसद में घुसने वाले खतरों के खिलाड़ी

आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारा देश तानाशाही की ओर बढ़ चुका है। ससंद से विपक्ष को निकाला गया क्योंकि वह बहुत सवाल पुछते थे। क्या हमारा अधिकार नहीं है सवाल पुछने का, सवाल क्या था, वो जो दो युवा संसद में कूदे थे, खुद के जान पर खेलकर उन दोनो ने ऐसा किया। शायद उनका सवाल मणिपुर या बेरोजगारी पर हो सकता है। लेकिन अगर दो युवा अपनी जान पर खेलकर, खतरों के खिलाड़ी बनकर संसद भवन में आ सकते हैं, पूरी सुरक्षा को झुकाकर तो क्या यह हमारा काम नहीं है कि हम सवाल पूछे। हम उम्मीद कर रहे थे कि सरकार कोई बयान देगी जैसे अटल जी, आडवाणी जी ने बयान दिया था। संसद में जो घटना हुई उसका हम समर्थन नहीं करते हैं। जिस तरह से वह संसद में आए थे वह बहुत गलत है।

जो ब्रिटिश काल में नहीं हुआ वो इस सरकार में हुआ

आदित्य ठाकरे ने कहा कि संसद में ये युवा किसके पास पर आए थे? क्या उसपर कोई कार्रवाई हुई? महुआ मोइत्रा ने सवाल पूछा तो उनके सदस्यता रद्द कर दी गई। लेकिन इतनी बड़ी सुरक्षा में चूक हुई लेकिन अब तक उस एमपी से सवाल तक पूछा नहीं गया। उस संसद में 800 सांसद रहते हैं देश की जनता को रिप्रेजेंट करते हैं। ऐसे में दो युवा वहां आते हैं और उड़ी मारते हैं। कल वह कुछ भी साथ में ला सकते थे। ब्रिटिश काल में भी जो नहीं हुआ वह इस सरकार के दौर में हुआ है। सरकार को पता है कि अगर उस दिन सिक्योरिटी अलर्ट होती तो शूट एंड साइट भी हो सकता था। उन युवाओं के लिए नौकरियां नहीं है इस देश में इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाया। ऐसे में सभी को सोचना चाहिए कि कल देश में कुछ बड़ी घटना भी हो सकती है।

राम मंदिर उद्घाटन के न्योते पर

खबर आई है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे को निमंत्रण नहीं मिला है। इस मुद्दे पर भड़कते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि जिनका भी राम मंदिर आंदोलन में योगदान रहा है उन्हें बुलाया नहीं जाए यह सरकारी पॉलिसी है। इस मंदिर के निर्माण में जो भी क्रेडिट लेने वहां जा रहे हैं, उनका मंदिर आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। जो आदेश आया है वह सुप्रीम कोर्ट ने दिया है कोर्ट के फैसले के बाद यह निर्माण हो रहा है। किसी भी पार्टी को आशीर्वाद में नहीं कूदना चाहिए।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
Recent Posts