मोतिहारीः नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के बाद नेपाल से निकल कर भारतीय परिक्षेत्र में बहने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर गंडक बराज पर पानी का ज्यादा दबाब होने के कारण उसके फाटक खोल दिए गए हैं. बता दें कि गंडक बराज से छोड़ा गया पानी अक्सर बगहा, बेतिया, मोतिहारी और गोपालगंज में तबाही मचाती है. वहीं, गंडक बराज से नहरों में पानी छोड़े जाने के बाद उसके तटबंध पानी का दबाब झेल नहीं पाते हैं और अक्सर उसके तटबंध टूट जाते हैं।
बेतिया के कई प्रखंडों में बाढ़ का खतरा: वहीं, इन नहरों के उपनहर भी कहीं ना कहीं तबाही मचा देती है. गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से मुख्य रुप से बगहा एक और दो प्रखंड के अलावा बेतिया के बैरिया समेत कई प्रखंडों में बाढ़ का खतरा बना रहता है. उसके बाद पूर्वी चंपारण जिला के अरेराज, संग्रामपुर और केसरिया प्रखंड में गंडक के रौद्र रुप से लोग सहमे रहते हैं. वहीं, पूर्वी चंपारण के केसरिया होकर गंडक नदी गोपालगंज में प्रवेश करती है और फिर उसके तांडव से गोपालगंज के सिधवलिया और बैकुंठपुर समेत छह प्रखंड तबाह हो जाते हैं।
तटबंध की सुरक्षा को लेकर अलर्ट: नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र के अलावा पूर्वी चंपारण जिला में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिला से होकर बहने वाली गंडक, सिकरहना (बूढ़ी गंडक) और लालबकेया के अलावा कई पहाड़ी नदियां हैं, जिनके जलस्तर बढ़ने के बाद से नदियों और नहरों के तटबंध की सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी ने सभी एसडीओ, वीडीओ, सीओ और संबंधित थानाध्यक्ष को अलर्ट कर दिया है।
डीएम ने तटबंधों का लिया जायजा: वहीं, खुद जिलाधिकारी डुमरियाघाट के पास गंडक नदी के तटबंधों का जायजा लेने पहुंच गए और स्थानीय अधिकारियों को कई निर्देश दिए गए है. जिलाधिकारी ने बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों की सूची तैयार करने का निर्देश सभी अंचलाधिकारियों को दिया है. साथ ही चिन्हित किए गए आश्रय स्थलों पर पेयजल, शौचालय, लाइट समेत कई बुनियादी सुविधाओं की प्रॉपर व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
“बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए समुदाय किचन के सुचारू रूप से संचालन हेतु सभी जरूरी निर्देश दिए गए है. पर्याप्त संख्या में नाव की उपलब्धता, नविकों की सूची, गोताखोरों का मोबाइल नंबर रखने का निर्देश भी दिया गया है.” – जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण