छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के तुमगांव थाना क्षेत्र के नवजीवन अस्पताल में प्रबंधन के लापरवाही के कारण 6 वर्षीय बच्ची के मौत हो गई थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच के लिए डॉक्टरों की टीम गठित की. वहीं गठित चिकित्सकों की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया और प्रबंधन को 8 बिन्दुओं पर नोटिस थमाया है. मामले की जांच पूरी होने तक अस्पताल में ताला जड़ा रहेगा.
200 रुपए लेकर किया एडमिट
बता दें कि महासमुंद के तुमगांव नगर पंचायत के वार्ड 8 निवासी नेतराम धीवर बीते गुरुवार की शाम 7 बजे अपनी 6 वर्षीया बेटी अंकिता धीवर को लेकर भोरिंग स्थित नवजीवन क्लीनिक पहुंचा. बच्ची दस्त और हल्की बुखार के कारण सुस्त हो गई थी. क्लीनिक में मौजूद उदयराम साहू ने दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी बताते हुए ग्लूकोज चढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए तुमगांव-महासमुंद चौक स्थित नवजीवन हाॅस्पिटल जाने की सलाह दी .पिता बिना देरी किए 15 से 20 मिनट में अपनी बेटी को लेकर हाॅस्पिटल पहुंचा.
हाॅस्पिटल में डाॅक्टर की गैर मौजूदगी में स्टाफ ने बच्ची को अटेंड किया. रिसेप्शन में 200 रुपए लेकर फार्म भरकर उस बच्ची को भर्ती कर लिया गया. इसके पहले बच्ची अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत कर रही थी, लेकिन जैसे ही स्टाफ ने Amikacin 250 IV, Pcm IV और Ondem IV चढ़ाया, बच्ची को बेचैनी होने लगी, इसके बाद स्टाफ ने ड्रिप चढ़ाना बंद कर दिया.
परिजनों से कहा कि बच्ची को गर्मी लग रही है, थोड़ा खुले में ले जाओ. कुछ ही देर में बच्ची अचेत मूर्छित हो गई. हाॅस्पिटल स्टाफ उसे एक्स-रे कराने ले गए. अचेत अवस्था को देखते हुए जब उनसे कंट्रोल नहीं हो पाया तो बच्ची के पिता नेतराम को करीब रात 10 बजे स्टाफ ने कुछ ही दूरी पर सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर दिखाने को कहा. पिता भी बदहवासी में बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचता, उसके पहले ही बच्ची दम तोड़ चुकी थी. डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.