अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के बाद ऐश्वर्या राय को बनाया निशाना, जानें वीडियो की पूरी सच्चाई
साउथ की फेमस एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस पर काफी बवाल भी मचा, जिसके बाद बीते शुक्रवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
डीपफेक वीडियोज को लेकर इस वक्त खूब चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर पहले रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो तेजी से वायरल हुआ और उसके बाद सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर भी इसके जाल में फंसीं। सेलेब्स के साथ ही साथ आम सोशल मीडिया यूजर्स ने भी डीपफेक को लेकर चिंता जाहिर की और इस पर सख्त कानून लाने की अपील की। हालांकि इस बीच अब ऐश्वर्या राय बच्चन भी डीपफेक वीडियो का शिकार हो गई हैं। वीडियो में ऐश्वर्या (डीप फेक वीडियो), सलमान खान की फिल्म टाइगर 3 के गाने ‘लेके प्रभु का नाम’ पर डांस करती दिख रही हैं। इस रिपोर्ट में जानें कि जारा पटेल के बाद अब किस लड़की का इस्तेमाल डीपफेक के लिए हुआ है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिस में ऐश्वर्या राय नजर आ रही हैं। ये एक ट्रांजिशन वीडियो है, जिस में ऐश्वर्या पहले नॉर्मली जींस-टीशर्ट पहने दिखती हैं और ट्रांजिशन के बाद वो साड़ी में नजर आती हैं। वहीं वीडियो के बैकग्राउंड में सलमान खान की फिल्म टाइगर 3 का गाना लेके प्रभु का नाम गाना बज रहा है। बता दें कि ये डीप फेक वीडियो है और वीडियो में नजर आ रही लड़की ऐश्वर्या नहीं हैं।
अगर आप इस वीडियो को ध्यान से देखें तो आपको दो चीजें समझ आएंगी। पहला ये कि वीडियो में ऐश्वर्या राय का चेहरा एडिटिड है और दूसरा ये कि वीडियो में डांस भी सलमान के गाने पर नहीं है,यानी स्टेप्स किसी दूसरे सॉन्ग के हैं। अब आपको बताते हैं कि इस वीडियो में हकीकत में अदिति पंडित हैं, जो इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती हैं और उनके वीडियो को फैन्स पसंद करते हैं। रियल वीडियो में अदिति, प्रियंका चोपड़ा के गाने देसी गर्ल पर डांस कर रही हैं, जिसे उन्होंने 19 अक्टूबर को शेयर किया था।
क्या होता है डीपफेक
किसी रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर देने को डीपफेक नाम दिया गया है, जिसे आप लोग यकीन मान लें। डीपफेक से वीडियो और फोटो को बनाया जाता है। इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाता है। इसमें वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद बनाया जाता है। इसी डीपफेक से वीडियो बनाया जाता है। साधारण शब्दों में समझें, तो इस टेक्नोलॉजी कोडर और डिकोडर टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है। डिकोडर सबसे पहले किसी इंसान के चेहरे को हावभाव और बनावट की गहन जांच करता है। इसके बाद किसी फर्जी फेस पर इसे लगाया जाता है, जिससे हुबहू फर्जी वीडियो और फोटो को बनाया जा सकता है। हालांकि इसे बनाने में काफी टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है, ऐसे में आमल लोग डीपफेक वीडियो नहीं बना सकते हैं। लेकिन इन दिनों डीपफेक बनाने से जुड़े ऐप मार्केट में मौजूद हैं, जिनकी मदद से आसानी से डीफफेक वीडियो को बनाया जा सकता है।
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