आखिर क्यों चेहरा नहीं छिपाना चाहतीं एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया की सेक्स वर्कर्स?

GridArt 20231011 131953495

एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया ‘सोनागाछी’ की सेक्स वर्कर्स अब अपना चेहरा नहीं छिपाना चाहती। सेक्स वर्कर्स का कहना है कि उन्हें अपने पेशे से कोई शर्म नहीं है। दरअसल, सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स ने जब दुर्गा पूजा पंडाल लगाने का मन बनाया, तो उनके इस फैसले को लेकर काफी बवाल हुआ। मामला कोलाकाता हाईकोर्ट तक पहुंचा। आखिरकार, हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों पर गौर करते हुए सेक्स वर्कर्स को पूजा पंडाल लगाने का आधिकार मिल गया।

कोलकाता की सेक्स वर्कर्स पिछले 10 साल से पूजा पंडाल लगा रहीं है। कोलकाता से शुरू हुआ ये सिलसिला अब दुर्गापुर, विष्णुपुर, शेउड़ाफूली समेत अन्य शहरों तक पहुंच चुका है। कोलकाता की सेक्स वर्कर्स का कहना है कि वे अब दुर्गा पूजा पंडाल का पूरे शहर में प्रचार कर रही हैं। खास ये है कि इस बार मां दुर्गा की फोटो के साथ वे अपना फोटो भी लगा रही हैं। उनका कहना है कि अब हम न अपना चेहरा छिपाएंगे, न ही अपने पेशे पर कोई शर्म करेंगे।

10 साल पहले मिला था पूजा पंडाल लगाने का अधिकार

सेक्स वर्कर्स से जुड़ी दुर्वार महिला समन्वय समिति की सदस्य के मुताबिक, पूरे शहर में लगाए गए पोस्टर पर हमलोगों ने ‘आमादोर पूजो, आमराई मुख’ लिखवाया है, जिसका अर्थ होता है, हमारी पूजा, हमारा चेहरा। वहीं, समिति की अध्यक्ष मरजीना बीबी का कहना है कि हमेशा से समाज ने हमें परिष्कृत किया, हमें घृणाभरी नजरों से देखा, लेकिन हम अपने अधिकार को लेकर कभी पीछे नहीं हटे। आमादोर अधिकार, दुर्गापूजोर अधिकार’ यानी हमारा अधिकार, दुर्गा पूजा का अधिकार.. वाले स्लोगन के साथ हमने हाईकोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी और हमें 10 साल पहले जीत भी मिली।

बता दें कि टीएमसी के शासन वाले पश्चिम बंगाल में करीब 1.30 लाख सेक्स वर्कर्स हैं। राजधानी कोलकाता के सोनागाछी रेडलाइट एरिया में ही सेक्स वर्कर्स की संख्या 15 हजार से ज्यादा है। इसे एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया माना जाता है। बता दें कि कोलकाता का जन्म 300 साल से पुराना माना जाता है और सोनागाछी का भी अस्तित्व करीब इतना ही पुराना है।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.