एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी शुक्रवार को संसद के सेंट्रल हॉल से सीधे लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने आडवाणी से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही स्वास्थ्य को लेकर भी जानकारी ली। उसके बाद नरेंद्र मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के घर पहुंचे। इसके बाद अब वो पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने भी जाएंगे।
दरअसल, नरेंद्र मोदी कोई भी बड़ा काम करने के पहले आडवाणी और जोशी से मुलाकात करने जाते हैं। इससे पहले जब आडवाणी को भारत रत्न दिया गया था, तब मोदी भी उनके आवास पर पहुंचे थे। लाल कृष्ण आडवाणी भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं और वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उप प्रधानमंत्री भी रहे हैं। ऐसे में नरेंद्र मोदी उनके पास जानकर आशीर्वाद हासिल करते हैं।
वहीं, 90 साल के जोशी भी बीजेपी के संस्थापक सदस्य हैं। जबकि आडवाणी और जोशी राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। जोशी ने 1991 से 1993 के बीच पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम किया। पिछले 10 साल में शायद ही कोई ऐसा मौका रहा हो जान मोदी को आडवाणी से मिलने का मौका छोड़ते नहीं देखा गया है।
2014 और 2019 में भी मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद आडवाणी से मिलने पहुंचे थे और आशीर्वाद लिया था। मोदी, आडवाणी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं और कई मौकों पर वो इसका जिक्र कर चुके हैं। आडवाणी का बीजेपी को यहां तक पहुंचाने में जितना योगदान है, उतना ही नरेंद्र मोदी के सफर में भी है। आडवाणी को कई मौकों पर मोदी के लिए ढाल बनकर खड़े होते देखा जाता था।