जमीन या मकान खरीदने के बाद जानिये इन कागजातों की अहमियत, इनके बिना खरीदी गयी प्रॉपर्टी का नहीं बन सकते मालिक

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जमीन और मकान खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन केवल जमीन या मकान का रजिस्ट्री करा लेने से उस पर आपका मालिकाना हक़ नहीं हो सकता है। इसके लिए आपके पास कुछ कागजात और होने चाहिए। अन्यथा खरीदे गए प्रॉपर्टी से आपको हाथ धोना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपका सपना भी पूरा होते होते रह सकता है। तो आईये हम आपको बताते हैं की जमीन या मकान खरीदने के बाद आपको किन कागजातों की जरुरत पड़ेगी। ताकि प्रॉपर्टी पर आपका मालिकाना हक़ कायम हो सके और आपकी सम्पत्ति किसी कानूनी लफड़े में जाने से बच सके।

जमीन या मकान खरीदने के बाद आपको उस जमीन नामांतरण कराना होता है। जिसे दाखिल खारिज कराना भी कहा जाता है। खेती की जमीन का नाम ट्रांसफर कराने संबंधी व दस्तावेजों व वैधता की जानकारी उस हल्के के पटवारी से ली जा सकती है। ऐसी जमीन का नामांतरण भी हल्के के पटवारी द्वारा किया जाता है।

आवासीय भूमि को लेकर नामांतरण की जानकारी और संबंधित सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड उस क्षेत्र की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद या फिर गांव के मामले में ग्राम पंचायत और पटवारी के पास होता है। इसके अलावा कोई औद्योगिक जमीन है तो उसका रिकॉर्ड औद्योगिक विकास केंद्र जो प्रत्येक जिले में होता है उसके पास होता है। ऐसे औद्योगिक विकास केंद्र में जाकर तमाम जानकारी आपको मिल जाएगी।

इसी तरह वाणिज्यिक जमीन की जानकारी जिला टाउन प्लानर के पास मिल सकती है। बताते चलें की भारत में अचल संपत्ति को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जाता है। पहली खेती भूमि, दूसरी आवासीय और तीसरी औद्योगिक भूमि।

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