अपना काम खत्म करके चांद पर ही सो गया रोवर प्रज्ञान, जानिए अब क्या है ISRO का नया प्लान?

GridArt 20230903 114832639

भारत का चांद मिशन चंद्रयान-3 हर रोज सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है। 23 अगस्त को चंद्रमा कि सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अपना काम बखूबी कर रहे थे। वह चांद पर होने वाली हलचल और हालातों के बारे में लगातार जानकरियां धरती पर भेज रहे थे। मिशन के लगभग 10 दिन बाद अब रोवर प्रज्ञान ने अपने काम को खत्म पूरा कर दिया है। इसके बाद उसे स्लीप मोड में सेट करके सुरक्षित पार्क कर दिया गया है। इस अपडेट के बारे में भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने जानकारी दी है।

इसरो ने अपने ट्वीट में बताया, “रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क किया गया है और स्लीप मोड में सेट किया गया है। APXS और LIBS पेलोड बंद कर दिए गए हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किया जाता है। फिलहाल, बैटरी पूरी तरह चार्ज है। इसके साथ ही सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है। हालांकि रिसीवर चालू रखा गया है। इसरो ने कहा कि असाइनमेंट के दूसरे सेट के लिए सफल जागृति की उम्मीद है। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह चांद पर भारत के चंद्र राजदूत के रूप में हमेशा वहीं रहेगा।

इसरो ने लॉन्च किया सूर्य मिशन

वहीं इससे पहले इसरो ने शनिवार को एक और मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस मिशन का नाम आदित्य L-1 है। ये ISRO का पहला सूर्य मिशन था, जिसके चारों चरण सफल हो गए हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट करके इस सफलता के लिए इसरो को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा, ‘चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।’

शनिवार सुबह 11.50 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया मिशन 

ISRO ने सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य एल 1 को आज सुबह 11.50 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया। ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई। इस मिशन में 7 पेलोड लगे हैं, जिसमें से 6 भारत में बने हैं। आदित्य एल 1 करीब 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये भारत का पहला मिशन है

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.