सामाजिक बदलाव का अब ग्रामीण अंचल में भी असर देखने को मिल रहा है। ऐसी ही एक सामाजिक बदलाव की झलक बीती रात को भीलवाड़ा जिले के रायपुर गांव में देखने को मिली जहां बेटी के सिर पर परिवार और समाज ने मिलकर पगड़ी बांधी गई। रायपुर कस्बे के 70 वर्षीय घीसू सिंह का 12 दिन पहले निधन हो गया था जिनके बाहरवें की बुधवार को रस्म थी जहां घीसू सिंह के पुत्र नहीं होने के कारण घीसू सिंह की पुत्री को पिता की पगड़ी की रस्म अदा की गई।
राजपूत समाज ने की पहल
रायपुर कस्बे में अब तक बेटे के सिर पर पिता की पगड़ी बंधती आई है लेकिन बुधवार को यहां एक नई परंपरा की शुरुआत देखने को मिली। बेटी उमा कंवर के सिर पर पिता की पगड़ी बांधकर परिवार की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अलग बात यह है कि मेवाड़ और राजपूताना में अपनी परंपराओं के लिए जाने जाने वाले राजपूत समाज ने इसकी पहल की है।
पगड़ी दस्तूर के सैकड़ो लोग थे साक्षी
पिता के निधन पर 12वें की रस्म पर उमा कंवर को पगड़ी बंधवाई गई। इस पगड़ी दस्तूर कार्यक्रम में समाज के सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष और बड़े-बुजुर्ग मौजूद थे। बेटी के सिर पर जब पिता की पगड़ी बांधी जा रही थी उस समय इस हृदय विदारक घटना को देख कई महिलाओं की आंखों से आंसू आने लग गए।
बेटी भी नहीं है बेटे से कम
देश में कई जगह अभी भी बेटियों को लेकर भ्रांति है जहां पिता की मौत पर बेटों के सिर पर ही पगड़ी बंधवाई जाती है। लेकिन इस परंपरा की मेवाड़ से नई शुरुआत हुई है जहां रायपुर कस्बे में पिता की मौत के बाद बेटी के सिर पर पगड़ी बंधवाई गई।