दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे थोड़ी देर में पूरी तरह से साफ हो जाएगा। रुझानों में बीजेपी को बंपर बहुमत मिल चुका है। इसके बाद अब तय माना जा रहा है कि दिल्ली से आम आदमी पार्टी की विदाई होगी और बीजेपी का 27 साल का सूखा खत्म हो जाएगा। रुझानों में बंपर जीत के बाद बिहार बीजेपी में भी जश्न की तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन,उनके ही बगल में बने सहयोगी पार्टी के दफ्तर में इस जीत पर ख़ुशी नहीं मनाई जा रही है। इसकी वजह यह है कि उनकी पार्टी के कैंडिडेट बुरी तरह से चुनाव में पिछड़ रहे हैं।
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी बुराड़ी सीट पर चुनाव लड़ रही है। लेकिन, जेडीयू उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव झा से तकरीबन 4000 हजार वोट से पीछे चल रहे हैं। बीजेपी ने बिहार के अपने दोनों सहयोगी पार्टी जेडीयू और एलजेपी रामविलास को एक-एक सीट दी थी। लेकिन, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) भी देवली (सुरक्षित) सीट से पिछड़ गई है. शुरुआत में देवली सुरक्षित सीट पर एनडीए प्रत्याशी दीपक तंवर ने बढ़त बनाई थी, लेकिन अब वह 19000 वोट से पिछड़ गए हैं। ऐसे में अब भाजपा के दिल्ली में जीत के बाद बिहार भाजपा में जीत का जश्न मनाया जा रहा है। जबकि जदयू और लोजपा (आर ) के दफ्तर में सन्नाटा नजर आ रहा है।
मालूम हो कि, दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों की संख्या को देखते हुए जेडीयू और एलजेपी रामविलास को बीजेपी ने एक-एक सीट दिया था। लेकिन, जहां पूरे दिल्ली में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रह रहा है। वहीं, पूर्वांचली बहुल इन दोनों सीटों पर एनडीए प्रत्याशी पिछड़ गए हैं। दोनों सीट पर जेडीयू और एलजेपी नेताओं ने जोरदार चुनाव प्रचार किया था।
बता दें कि इससे पहले 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भी जदयू खाता नहीं खोल पाई थी। जिससे सबक लेते हुए जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं और बिहार के कई मंत्रियों ने पूरी ताकत झोंकी थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए लेकिन जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सहित पार्टी के कई नेताओं ने प्रचार किया था। लेकिन उसका खास फायदा अबकी बार भी मिलते हुए नजर नहीं आया।
आपको बता दें कि JDU के शैलेंद्र कुमार पहले भी बुराड़ी से एनडीए प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। वे 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के संजीव कुमार झा से हार गए थे। इस बार भी शैलेंद्र कुमार का संजीव कुमार झा से सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।