प्याज-टमाटर के बाद लहसुन का बढ़ा भाव, देखते-देखते हो गया डबल, आपके तरफ क्या हैं लहसुन की कीमत??

Garlic

महंगाई के लिहाज से पिछले कुछ महीने बड़े संवेदनशील साबित हुए हैं. खास कर खाने-पीने की चीजों के मामले में महंगाई आम लोगों के साथ सांप-सीढ़ी खेल रही है. पहले टमाटर के भाव में बेतहाशा तेजी आई. उस पर काबू पाया गया तो प्याज महंगा हो गया. अब लहसुन के भाव आम लोगों को चिढ़ाने लग गए हैं.

इस स्तर पर पहुंच गया लहसुन

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि लहसुन के भाव हालिया कुछ सप्ताहों के दौरान तेजी से बढ़े हैं. ऐसी खबरें हैं कि देश में लहसुन की खुदरा कीमतें 250 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई हैं, जबकि थोक बाजार में लहसुन के भाव 130-140 रुपये प्रति किलो के करीब चल रहे हैं. बाजार के अनुसार, अच्छी क्वालिटी के लहसुन के थोक भाव 220-250 रुपये प्रति किलो हो गए हैं.

6 सप्ताह में डबल हुआ भाव

लहसुन की कीमतें मौसमी कारणों से साल की इस अवधि में बढ़ते ही हैं. दिसंबर महीने में लगभग हर साल लहसुन के भाव में तेजी आती है. हालांकि इस साल स्थिति कुछ अलग दिख रही है. लहसुन के भाव में आ रही तेजी कुछ असामान्य है. इसका कारण है कि पिछले महज 6 सप्ताह के दौरान लहसुन के भाव डबल हो गए हैं.

इस कारण बढ़ रहे तेजी से भाव

लहसुन के भाव में असामान्य तेजी के पीछे आपूर्ति में कमी को जिम्मेदार बताया जा रहा है. लहसुन के लिए देश के ज्यादातर थोक बाजार मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र की आपूर्ति पर निर्भर रहते हैं. प्रमुख लहसुन उत्पादक राज्यों खासकर मध्य प्रदेश में हालिया बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाया है. इसके चलते लहसुन की कीमतों में रफ्तार देखने को मिल रही है.

टमाटर-प्याज में आई थी महंगाई

इससे पहले प्याज और टमाटर से आम लोगों के लिए रसोई का बजट मुश्किल बना था. टमाटर की खुदरा कीमतें कई जगहों पर 200 रुपये किलो के स्तर के पार निकज गई थी. उसके बाद सरकार ने खुद रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री शुरू की थी. जब टमाटर के भाव नियंत्रित हुए तो प्याज के भाव में तेजी आने लग गई थी. प्याज खुदरा बाजारों में 45-50 रुपये किलो तक पहुंच गया था. उसके बाद सरकार ने इसी महीने प्याज के निर्यात पर पाबंदियां लगाई है.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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