समाजवादी पार्टी के नेता व भाजपा में पूर्व मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस और मनुस्मृति जैसे ग्रंथों पर टिप्पणी करने के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार उन्होंने समातन से जुड़े किसी ग्रंथ पर नहीं बल्कि देश का बंटवारे पर बयान दिया है। यूपी के बांदा जिले में एक कार्यक्रम में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि भारत का बंटवारा मोहम्मद अली जिन्ना की वजह से नहीं बल्कि भारत का बंटवारा हिंदू महासभा और विनायक दामोदर सावरकर की वजह से हुआ था। इस बयान के सामने आने के बाद वे एक बार फिर चर्चाओं में आ गए हैं।
हिंदू महासभा ने की थी देश के बंटवारे की मांग
सोमवार को यूपी के बांदा जिले में राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। इस दौरान कार्यक्रम में बौद्ध धर्म को मानने वाले सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने एक नया राग छेड़ते हुए कहा कि भारत के विभाजन का कारण जिन्ना नहीं हैं बल्कि हिंदू महासभा ने हिंदू राष्ट्र की मांग की थी, जिसके बाद हिंदू महासभा की वजह से देश का बंटवारा हुआ है।
अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हो रहा जानवरों जैसा सलूक
सावरकर पर निशाना साधने के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ-साथ हिंदू धर्माचार्यों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के साथ जानवरों की तरह बर्ताव किया गया है। पीएम मोदी अमेरिका और फ्रांस में कहते हैं कि हिंदू धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने की एक शैली है, इसी बीच अगर हमने यही बात कर दी तो देश में बवंडर हो गया। आपको बता दें कि इससे पहले भी स्वामी मौर्य रामचरित मानस पर टिप्पणी की वजह से भी खूब आलोचनाओं को झेल चुके हैं।