बार बार लड़की पैदा होने पर पति ने 8 माह की गर्भवती पत्नी का हसिए से पेट फाड़ डाला, पढ़िए दर्दनाक स्टोरी
यूपी के बदायूं में आठ महीने की गर्भवती पत्नी का पेट हंसिये से चीरने के दोषी पति को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायालय (त्वरित) महिला अपराध के न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने चार साल पुराने मामले में दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के गांव घोंचा निवासी गोलू ने 19 सितंबर 2020 को तहरीर देकर अपने बहनोई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
बताया कि बहन अनीता की शादी 22 साल पहले नेकपुर निवासी पन्नालाल के साथ हुई थी। दंपती के पांच लड़कियां पैदा हुईं। बेटा न होने को लेकर पन्नालाल आए दिन बहन के साथ मारपीट करता था।
आरोपी को कई बार समझाया गया मगर वह नहीं माना। छठी बार जब अनीता गर्भवती हुई तो आरोपी आए दिन धमकियां देता। फिर से बेटी पैदा होने पर दूसरी शादी करने की बात कहता। बहन के आठ माह की गर्भवती होने पर 19 सितंबर 2020 को शाम करीब 4 बजे पन्नालाल बहन से बोला कि तेरा पेट फाड़ कर देखूंगा कि लड़का है या लड़की। बहन ने उसे रोकने की कोशिश की मगर वह नहीं माना। उसने हंसिये से अनीता का पेट चीर दिया। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
वहां से बरेली के लिए रेफर कर दिया गया। अनीता की तो जान बच गई थी लेकिन गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की। विवेचक ने हंसिया बरामद करने के साथ ही पन्नालाल को जेल भेज दिया। विवेचक ने साक्ष्य संकलन करने के बाद आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को पत्रावली का अवलोकन किया। एडीजीसी मुनेंद्र प्रताप सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
बेरहम पन्नालाल जमानत पर छूटने के बाद अनीता की जान का दुश्मन बन गया था। कई बार उस पर फैसला करने का दबाव बनाया, घर में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ भी कर चुका था। तब थक हारकर अनीता ने महिला आयोग को पत्र भेजा था। पुलिस ने महिला आयोग के आदेश पर पन्नालाल के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की। उसमें भी पन्नालाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। बेटे की चाहत में पति ने जब हंसिया से अनीता का पेट फाड़ा तो वह जिंदगी और मौत के बीच झूलने लगी।
परिवार वाले उसे दिल्ली ले गए थे। इसके दूसरे दिन पुलिस ने आरोपी पन्नालाल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। वह करीब दो साल तक जेल में बंद रहा था। 21 मार्च 2023 को उसे जमानत मिली। जब वह जेल से छूटकर घर आया तो उसने अनीता पर फिर से जुल्म ढाना शुरू कर दिए। कई बार उसने अनीता को रास्ते में घेरा।
नौ मई 2023 को अनीता न्यायालय जा रही थी, तब उसके साथ मारपीट की। मुकदमे में फैसला करने को दबाव बनाया। जान से मारने की धमकी भी दी थी। 17 दिसंबर 2023 को पन्नालाल अपने पिता नंदराम के साथ घर में घुस आया था। घर में तोड़फोड़ करने के साथ मारपीट की थी। अनीता ने राज्य महिला आयोग से शिकायत की थी।
उसके बाद पुलिस ने 30 दिसंबर 2023 को पन्नालाल और उसके पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। वाले ही उसे दिल्ली ले गए थे। हमले के चार-पांच दिन बाद उसका ऑपरेशन हुआ था। तब उसका मरा हुआ बेटा पैदा हुआ था। इसके बाद करीब आठ माह तक दिल्ली में अनीता का उपचार चला। तब कहीं अनीता ठीक हुई और अपने घर लौटकर आई। अनीता पति के जुल्म से आजिज आ चुकी थी। जब फैसला आया तो वह नेकपुर स्थित अपने घर पर मिलीं। बोली – जो जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल पाता है। पीड़ित अनीता ने कहा कि पति के जुल्म से परेशान थी।
कई बार जान से मारने की कोशिश की गई लेकिन वह हमेशा उसको समझाने की कोशिश करती रही। जब हंसिया से उस पर जान से मारने की नीयत से वार किया गया तो उसके मायके पक्ष के लोगों ने रिश्ता खत्म कर दिया और सजा दिलाने की ठान ली। चार साल बाद उसे न्याय मिल सका। अनीता ने कहा कि जिस बेटे की चाहत में पति अपराधी बना, उस बेटे का जन्म हो जाता अगर वो थोड़ा सा धैर्य रखता और मेरे पेट पर हंसिया न चलाता। एक औरत बच्चे को नौ माह पेट में रखती है। उस बच्चे को अपने सामने मरता हुआ देखती है, तो उसे कैसा लगता है आप खुद समझ सकते हैं। जो बच्चा दुनिया में आया ही नहीं, जिसने दुनिया में कुछ देखा ही नहीं।
उस बच्चे की मौत का दुख आज भी है लेकिन पति के जेल जाने की खुशी भी है। बेटी निर्जला ने कोर्ट में दिए बयान में कहा कि पापा पन्नालाल मम्मी से कहते थे कि इस बार तेरा पेट फाड़कर देखूंगा कि तेरे पेट में लड़का है या लड़की। 19 सितंबर शाम चार बजे मैं तथा मेरी छोटी बहन मम्मी के पास थे। पापा घर में आए और बोले कि आज तेरा पेट फाड़कर देखूंगा कि इसमें लड़का है या लड़की।
मम्मी ने मना किया तो पापा हंसिया लेकर आए और मम्मी की तरफ भागे। मैंने बचाने की कोशिश की तो मुझे धक्का देकर गिरा दिया। पन्नालाल की खुद की मिठाई की दुकान थी। यहां मिठाई के साथ ही वह समोसा बनाता था। घटना के बाद जब वह जेल चला गया तो दुकान बंद हो गई। दो साल जेल काटने के बाद जब वह जेल से छूटकर घर आया तो पिता के साथ पत्नी से अलग रहने लगा।
फिर से उसने कचहरी के पास मिठाई की दुकान खोल ली। इस समय वह मिष्ठान की दुकान ही चला रहा था। बृहस्पतिवार को सजा होने के बाद उसको फिर से जेल भेज दिया। परचून की दुकान चलाकर कर रही पांच बेटियों का पालन अनीता ने बताया कि उनकी पांच बेटिया हैं। उन्होंने घर पर परचूनी की दुकान रखी ली है। इसी से अपना और बेटियों का गुजारा करती है।
बस ऊपर वाले से दुआ करें कि मेरी बेटियों सही सलामत मेरे पास बनी रही। इनकी अच्छे से परबरिश कर सकूं। वह ससुराल के पास ही पति और खुद के नाम बनाए गए मकान में रहती आ रही हैं। 19 सितंबर 2020 शाम 4 बजे हंसिया से पत्नी के पेट पर किए वार। वारदात के बाद आरोपी भाग गया। 4.25 बजे पुलिस पहुंची घायल को भेजा अस्पताल। 5.10 बजे अनीता जिला अस्पताल से बरेली रेफर हुई।
7.14 बजे जानलेवा हमले और गर्भस्थ शिशु की हत्या के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई। 20 सितंबर 2020 को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। 17 दिसंबर 2020 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित 23 मार्च 2021 को कोर्ट में सुनवाई शुरू 23 मई को आजीवन कारावास की सजा।
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