बिहार में 10 दिन में 4 पुल गिरने के बाद मधुबनी में गिरा निर्माणाधीन पुल का गर्डर
बिहार में पिछले 10 दिनों में 4 पुल गिर गया। अररिया-सिवान-मोतिहारी और किशनगंज में पुल ढहने के बाद अब मधुबनी में निर्माणाधीन पुल का गर्डर गिरने से अफरा-तफरी मच गयी। बताया जाता है कि दो दिन पहले ही गर्डर के ढलाई का काम हुआ था। मामला मधेपुर प्रखंड के ललवारही की है।
राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। बताया जाता है कि गर्डर के लिए जो सेंट्रिंग बनाया गया था वो पानी के तेज बहाव में बह गया। मामला गर्डर गिरने का है लेकिन कुछ लोगों ने यह अफवाह उड़ा दी कि पुल गिरा है। दरअसल मधेपुर प्रखंड के भूतही बालन नदी में अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से गर्डर के लिए जो सेंट्रिंग बनाया गया था वही पानी के तेज बहाव में बह गया है।
बिहार में आए दिन पुल के गिरने का मामला सामने आ रहा है। 10 दिनों के भीतर बिहार में 4 पुल गिरने से लोग भी हैरान है। 4 जिले अररिया, सिवान, पूर्वी चंपारण और किशनगंज में पुल गिरने की घटना सामने आई थी। किशनगंज में 70 मीटर लंबे पुल का पिलर अचानक ढह गया था। जिसके बाद लोग आक्रोशित हो गये थे और नीतीश सरकार से सवाल कर रहे थे। लोगों का कहना था कि नीतीश कुमार के राज में और कितना पुल गिरेगा। आक्रोशित लोग पुल गिरने का मुख्य कारण निर्माण कार्य में करप्शन का होना बता रहे हैं।
बता दें कि 18 जून को अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर 12 करोड़ का एक पुल गिरने का मामला सामने आया था। जिसके 4 दिन बाद 22 जून को सिवान में दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक को जोड़ने वाली नहर पर बना पुल गिर गया था। वही पुल गिरने की तीसरी घटना पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 23 जून को सामने आया। मोतिहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में निर्माणाधीन पुल गिर गया था।
अब पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहा है। बिहार के किशनगंज में 70 मीटर लंबे पुल का पिलर अचानक ढह गया। दस दिनों के भीतर पुल गिरने की यह चौथी घटना थी जो किशनगंज में हुई है। जहां कनकई और महानंद नदी को जोड़ने वाली सहायक नदी पर बना पुल अचानक ढह जाने से इलाके में हड़कंप मच गया।
किशनगंज के डीएम तुषार सिंगला ने बताया था कि किशनगंज के बहादुरगंज स्थित 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा एक पुल अचानक भरभराकर गिर गया। साल 2011 में 25 लाख की लागत से इस पुल को बनाया गया था। नेपाल में भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई है। पानी की तेज धारा पुल बर्दाश्त नहीं कर पाया और टूटकर गिर गया।
किशनगंज के ग्रामीणों ने बताया था कि 2011 में पुल बना जिसके निर्माण में कमीशन का खेल ऐसा हुआ कि 6 साल में ही पुल डैमेज हो गया था। इधर कुछ दिन पहले से यह पुल धंसना शुरू हुआ था। अब पुल के बीच का हिस्सा पूरी तरह धंस गया। पुल का पिलर ढह जाने से पिछले दिनों लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिला। आए दिन पुल के गिरने को लेकर लोग अब सरकार से सवाल कर रहे है। पूछ रहे है और कितना पुल गिरेगा?
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