बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने विश्वासमत हासिल कर लिया है। सरकार को 129 विधायकों ने अपना समर्थन दिया है। खेला का दावा करने वाले तेजस्वी यादव के साथ ऐन वक्त पर खेला हो गया। सभी की नजर जीतन राम मांझी की पार्टी हम पर थी और आरजेडी के तीन विधायकों ने फ्लोर टेस्ट के दौरान पाला बदल लिया और तेजस्वी यादव की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई। तेजस्वी के साथ हुए इस खेल के बाद जीतन राम मांझी ने इसको लेकर तंज किया है।
दरअसल, बिहार में नई सरकार के गठन के बाद सभी की नजर सरकार में शामिल जीतन राम मांझी का पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पर थी। विभागों के बंटवारे के बाद मांझी दो मंत्री पद की मांग पर अड़े थे। मांझी का स्पष्ट कहना था कि पेट भरने के लिए कम से कम तीन नहीं तो दो रोटी की जरूरत होती है, एक रोटी से पेट नहीं भरता। कहा जा रहा था कि मांझी दो मंत्री पद की मांग कर सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
इससे पहले मांझी ने दावा किया था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर कांग्रेस और आरजेडी की तरफ से दिया जा रहा है। फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले लालू प्रसाद ने माले के दो विधायकों को अपना दूत बनाकर मांझी को मनाने के लिए भेजा लेकिन मांझी ने पाला बदलने से इनकार कर दिया। मीडिया में कयासों का बाजार गर्म होने के बाद जीतन राम मांझी ने सामने से आकर सभी कयासों को खारीज कर दिया था और कहा था कि वे गरीब जरूर हैं लेकिन बेईमान नहीं हैं।
इसी बीच खबर आई की देर रात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जीतन राम मांझी को दो-दो बार फोन किया और बातचीत की। विधानसभा में सरकार ने विश्वास प्रस्ताव लाया और चर्चा के बाद चारों विधायकों के साथ जीतन राम मांझी ने सरकार के पक्ष में वोट किया। कुल 129 विधायकों के समर्थन के बाद नीतीश कुमार की सरकार बच गई और सरकार ने विश्वासमत हासिल कर लिया।
फ्लोर टेस्ट के बाद मांझी ने एक्स पर लिखा, ‘खेला के अम्पायर HAM थें, आउर दूसरा लोग बिना अम्पायर के खेला करना चाहता था। ऐसा है, बिना अम्पायर के निर्देश के खेला कीजिएगा तो अपना ही नुकसान होगा, वही हुआ’।