पहली सूची जारी होने के बाद राजस्थान भाजपा में इस्तीफों की भरमार, अब तक 400 नेताओं ने छोड़ी पार्टी
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी भाजपा ने अब तक 200 में से 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। उम्मीदवारों का ऐलान होते ही भाजपा में बगावत का दौर शुरू हो चुका है। जो आमतौर पर हर राज्य में देखा जाता है। लेकिन इस प्रकार का विरोध कभी नहीं देखा गया। प्रदेश में अभी तक कांग्रेस की पहली सूची का इंतजार हो रहा है उससे पहले ही भाजपा के करीब 400 नेताओं ने इस्तीफे दे दिए हैं।
इन सीटों पर विरोध
टिकट वितरण से नाराज कई पदाधिकारी अपना पद छोड़ रहे हैं। कुछ पदाधिकारी तो इस बार उम्मीदवारी भी कर रहे थे। टिकट वितरण का सबसे ज्यादा विरोध सांचैर में देखा जा रहा है। यहां सांसद देवजी पटेल को उम्मीदवार बनाने के बाद सांचैर विधानसभा के 8 में 6 मंडल अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफा दिया है। इसके बाद सबसे ज्यादा विरोध कोटपूतली और झोटवाड़ा सीटों पर भी हो रहा है। वहीं देवली उनियारा से विजय बैंसला को टिकट देने का भी विरोध हो रहा है।
देवजी पटेल का हो रहा है विरोध
पार्टी पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सांचैर से देवजी पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। वे पहले से 3 बार सांसद रह चुके हैं। पार्टी ने टिकट वितरण में मंडल अध्यक्षों की राय को तवज्जो नहीं दी। सांचैर से पुरेंद्र व्यास, सांवलाराम देवासी, डूंगराराम जाट, देवेंद्र सिंह और माधाराम ने अपना इस्तीफा सीपी जोशी को भेजा है।
18 अक्टूबर तक आ सकती है दूसरी सूची
बगावत थामने के लिए पार्टी ने जिला स्तर पर डैमेज समिति का गठन किया है। इसके अलावा राज्य स्तर पर भी केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया है। पहली सूची की 41 सीटों में से 20 पर कार्यकर्ता और स्थानीय नेता टिकट वितरण का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी दूसरी सूची में वसुंधरा गुट के नेताओं को भी टिकट दे सकती है। वहीं भाजपा की दूसरी सूची 18 अक्टूबर से पहले जारी हो सकती है।
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