बिहार विश्वविद्यालय ने छात्रों की अटेंडेंस को लेकर सख्त रुख अपनाया है. सूबे में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद विश्वविद्यालय की नीति और नियमों में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. ऐसे में अब राजभवन से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा गया कि स्नातक की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का हर सेमेस्टर में 75 फीसदी अटेंडेंस रहना अनिवार्य होगा. इससे कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा।
राजभवन ने इसके साथ ही कई अन्य निर्देश भी जारी किए हैं. अब हर सेमेस्टर में विद्यार्थियों के अटेंडेंस का मानक पूरा होने के बाद ही परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. साथ ही छात्र को हर सेमेस्टर में नामांकन और रजिस्ट्रेशन दोबारा कराना होगा. नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय को निर्देशित किया है कि हर सेमेस्टर में छात्रों का दोबारा नामांकन और रजिस्ट्रेशन कराया जाए।
इसके बाद से छात्रों को अब साल में दो बार रजिस्ट्रेशन और एडमिशन कराना होगा. सेमेस्टर परीक्षा में दोबारा एडमिशन कराने के लिए पहले सेमेस्टर में छात्र को 350 रुपये फीस भरना होगा. इसके बाद दूसरे से आठवें सेमेस्टर तक 250 रुपये फीस नामांकन शुल्क के तौर पर लिया जाएगा।
बता दें कि 75 फीसदी अटेंडेंस पूरा नहीं होने पर बीमार विद्यार्थियों को 15 फीसदी छूट देने की भी बात कही गई है. ऐसे में विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के सामने बीमार होने का मेडिकल प्रमाण प्रस्तुत करना होगा. मेडिकल प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद विश्वविद्यालय जांच करेगा, तभी विद्यार्थी का 15% अटेंडेंस स्वीकृत किया जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम इस साल से लागू कर दिया जाएगा।
चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होने के बाद कॉलेजों में क्लास चलाने के नियमों में बड़ा बदलाव आएगा. एसएमएस सिलेबस में हर विषय का किसको दिया जाएगा, इसी अनुसार प्रोफेसर को विषय और चैप्टर पूरा करने में लगने वाले क्लास को भी निर्धारित किया जाएगा।