माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत का पर्चा खारिज हो गया है. उन्होंने गाजीपुर सीट से नामांकन दाखिल किया था. उनकी ओर से सपा प्रत्याशी के तौर पर दो पर्चे भरे गए थे और दोनों ही निरस्त हो गए हैं. अब वो गाजीपुर से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगी.
मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने बीते दिनों कहा था कि हमारे बाबा अफजाल अंसारी के साथ ही हमारी बड़ी बहन नुसरत वैकल्पिक रूप से नामांकन कर रही हैं. कानूनी वजहों से अफजाल चुनाव नहीं लड़ पाए तो नुसरत चुनाव लड़ेंगी. बाबा (अफजाल) के केस की हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. उम्मीद है कि हमारे साथ इंसाफ होगा.
‘इतिहास बनाने जा रही गाजीपुर की जनता’
बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था कि पूर्वांचल की कई सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का पता नहीं लगेगा. हमारे पिता की मौत के बाद लोग काफी आहत और गमगीन हैं. लोग हर मुद्दे को लेकर इस बार वोट देने जा रहे हैं. गाजीपुर की जनता तीसरी बार इतिहास बनाने जा रही है.
‘जनता ने सरकार बदलने का मन बना लिया है’
इससे पहले अफजाल ने दो सेट में अपना नामांकन दाखिल करते हुए कहा था कि प्रावधान है कि एक कैंडिडेट के होते हुए भी दूसरा कैंडिडेट नामांकन कर सकता है. इसलिए समाजवादी पार्टी ने फॉर्म दो सीटों में जारी किए और उसमें सब्स्टीट्यूट कैंडिडेट नुसरत हैं. एक सेट मेरे नाम से और दूसरा नुसरत के नाम से जारी हुआ था. इसके अलावा नुसरत की तरफ से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी पर्चा दाखिल किया गया है, जिसमें 10 नए प्रस्तावक हैं.
उन्होंने कहा कि चौथे चरण के चुनाव में तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी. वैसे क्लियर तो तीसरे चरण में ही हो गया था. अब मोदी सरकार का पतन निश्चित है. जनता ने सरकार बदलने का मन बना लिया है. इसलिए इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. भाजपा प्रत्याशी की तरफ से उन पर जुबानी हमले पर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वो सज्जन और बुजुर्ग आदमी हैं. उनकी शान में कोई गुस्ताखी नहीं करूंगा.