केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में आज बुधवार को नई दिल्ली में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, गृह मंत्रालय और त्रिपुरा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और दोनों संगठनों के नेता उपस्थित रहे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आज समझौते के साथ ही दोनों संगठनों के 328 कार्यकर्ता मुख्यधारा में शामिल होंगे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि केन्द्र सरकार समझौते का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करेगी। सरकार क्षेत्र के विकास और अलगाव के कारणों को जड़ से मिटाने की दिशा में काम करेगी। सरकार ने क्षेत्र के विकास के लिए 2500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे आदिवासी क्षेत्र का विकास होगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हर समझौते का अक्षरशः पालन किया है। हमने हृदय की भावना से समझौतों को जमीन पर उतारा है। इसका परिणाम है कि मुख्यधारा में लोग जुड़ रहे हैं विकास में भागीदार बन रहे हैं। मोदी सरकार संवाद और शांति के माहौल में सक्षम और विकसित पूर्वोत्तर के लिए काम कर रही है। सरकार रोड, रेल और विमान के अलावा दिलों की दूरियां भी कम करने के लिए काम कर रही है।
इस समझौते से 35 सालों से चला आ रहा गतिरोध होगा समाप्त
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने पूर्वोत्तर में शांति और समृद्धि बहाल करने के लिए 12 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से 3 त्रिपुरा राज्य से संबंधित हैं। मोदी सरकार के इन समझौतों के कारण लगभग 10 हजार लोग हथियार छोड़ कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज के इस समझौते से 35 साल से चला आ रहा गतिरोध समाप्त होगा।