भागलपुर व अंग प्रदेश की पहचान कतरनी चावल के प्रचार प्रसार में जुटा कृषि विभाग

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 भागलपुर या अंग प्रदेश की पहचान जिन कुछ खास विशिष्टताओं के कारण भागलपुर या अंग प्रदेश की पहचान है उसमें कतरनी चावल और चूड़ा खास है। मकर संक्रांति में अंग क्षेत्र का कतरनी चूड़ा बिहार की पसंदीदा सौगात मानी जाती है। बिहार सरकार की ओर राष्ट्रपति सहित तमाम विशिष्ट लोगों को हर साल मकर संक्रांति पर यह संदेश भेजा भी जाता है। लेकिन कृषि विभाग कतरनी चूड़ा के साथ-साथ कतरनी चावल को भी प्रोमोट करने के लिए तैयार है।

इसी लिहाज से चौथे कृषि रोड मैप के लोकार्पण समारोह में जुटे अतिथियों सहित तीन हजार किसानों को पहली बार कतरनी चावल भेंट भी किया गया। कतरनी चावल देखने में जितनी सुंदर होता है उतना ही सुगंधित। इसकी खुशबू की चर्चा रामायण, बौद्ध ग्रंथ और कुछ इतिहास की किताबों में भी है। कतरनी चावल की इस खुशबू को अब कृषक उत्पादक कंपनी के माध्यम से भी पूरे देश में फैलाने की तैयारी है।

कृषि विभाग के सहयोग से कतरनी का गढ़ माने जाने वाले जगदीशपुर प्रखंड में सिर्फ कतरनी और कतरनी किसानों को प्रोमोट करने के लिए एक कृषक उत्पादक कंपनी बनायी गई है जिसका नाम अंग उत्थान एग्रो फामर्स प्रोड्यूसर कंपनी है। इसके अलावा कुछ एफपीसी भी बनायी गई है जो मूल रूप से कतरनी के लिए ही है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि कतरनी को दूसरी जगह लगाने पर वह स्वाद और सुगंध नहीं आती है। भागलपुर की मिट्टी, पानी, जलवायु, तापमान आदि के कारण ही सुगंध और स्वाद है।

और भी कुछ कृषक उत्पादक समूह बन रहे

आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह बताते हैं जगदीशपुर में अभी अंग प्रदेश उत्थान एग्रो फामर्स प्रोड्यूसर कंपनी बनायी गई है। यह कंपनी सिर्फ कतरनी किसानों के साथ जुड़कर काम करेगी। इसके अलावा सुल्तानगंज में भी एक कृषक उत्पादक समूह बनने की प्रक्रिया में है।

कृषि रोड मैप के लोकार्पण समारोह में अतिथियों और किसानों को कतरनी चावल की विशिष्टता बताने के लिए भेंट की गयी है। लोग जितना जानेंगे, उतनी मांग बढ़ेगी। देश की बड़ी मंडियों में भी कतरनी पहुंचे, इसके लिए प्रयास हो रहा है।

-अनिल कुमार यादव, जिला कृषि पदाधिकारी।

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