दिल्ली में हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में, यमुना नदी की सतह पर तैर रहा जहरीला झाग

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New Delhi, Oct 19 (ANI): A view of India Gate covered in a thin layer of smog as the AQI drops to 251, categorised as 'Poor' as per the Central Pollution Control Board (CPCB), in New Delhi on Saturday. (ANI Photo)

देश की राजधानी दिल्ली की हवा आज (सोमवार) बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। यहां इंडिया गेट और आसपास के इलाकों में धुंध की एक परत छाई हुई है। सफर-इंडिया के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 307, ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। वहीं, अक्षरधाम मंदिर और आसपास के इलाकों में धुंध की एक परत छाई है। यही नहीं यमुना का प्रदूषण अब अपने चरम पर पहुंच चुका है, नदी की सतह पर इन दिनों जहरीली झाग की परत देखी जा रही हैं। यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण पर्यावरणविद् विमलेंदु के. झा ने इस घटना को दिल्ली में पर्यावरण की स्थिति को शासन का उपहास बताया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आज सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 307 है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। वहीँ दूसरी ओर दिल्ली के कई इलाकों का एक्यूआई 300 के पार बना हुआ है।

विमलेंदु के झा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि हमने एक बार फिर यमुना नदी की सतह पर बहुत सारा झाग तैरता हुआ देखा है… यह दिल्ली में पर्यावरण शासन का पूर्णतः उपहास है… हमने प्रदूषण के स्रोतों को देखा है जो मुख्य रूप से दिल्ली से हैं, बेशक, दिल्ली सरकार अन्य राज्यों पर इसका दोष मढ़ना चाहेगी। वास्तव में अन्य राज्य भी जिम्मेदार हैं क्योंकि यमुना इन राज्यों से होकर बहती है, लेकिन यमुना के प्रदूषण के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी दिल्ली का अपना प्रदूषण है, 17 नाले जो वास्तव में दिल्ली में यमुना में गिरते हैं।

इससे पहले, एएनआई से बात करते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर में कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के डीन प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने कहा, “यमुना नदी पर झाग का प्रभाव खतरनाक है। झाग की बार-बार उपस्थिति मुख्य रूप से नदी में बहने वाले अनुपचारित अपशिष्ट जल में साबुन, डिटर्जेंट और अन्य प्रदूषकों की बड़ी मात्रा के कारण होती है।”

न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, शर्मा द्वारा प्रकाशित यमुना के जल की गुणवत्ता के विश्लेषण से पता चला है कि कार्बनिक प्रदूषण, विशेष रूप से औद्योगिक और कृषि अपवाह से, सूक्ष्मजीव क्षरण और गैस उत्पादन को बढ़ावा देकर झाग की समस्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शोध से पता चलता है कि प्रदूषित जल में कार्बनिक यौगिक जल और वायु के बीच चरण विभाजन से गुजरते हैं, तथा जब वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी) वायुमंडलीय ऑक्सीडेंट के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, तो संभावित रूप से द्वितीयक कार्बनिक एरोसोल (एसओएएस) का निर्माण करते हैं।

अध्ययनों से पता चला है कि तरल अवस्था में पानी की मात्रा और कार्बनिक प्रजातियों की मौजूदगी हवा में वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों के विभाजन को बढ़ाकर SOA गठन को बढ़ा सकती है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से भारी प्रदूषण वाले शहरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है, जैसे कि यमुना नदी की स्थिति है।

वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला शुक्रवार को स्मॉग टॉवर पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को धोखा दिया है और अब उनके स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया गया है।दिल्ली में प्रदुषण को लेकर राजनीति जारी है। बढ़ते प्रदूषण को लेकर राजनीतिक दल लगातार एक दूसरे पर दोषारोपण करने में व्यस्त हैं।

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