टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन Air India Express के केबिन क्रू ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है और ड्यूटी पर लौटने का फैसला किया है। कथित कुप्रबंधन के विरोध में मंगलवार रात से केबिन क्रू के एक वर्ग ने बीमार पड़ने की सूचना देनी शुरू कर दी थी।
200 केबिन क्रू ने बीमारी की सूचना दी थी
इस कारण एयरलाइन को गुरुवार को दूसरे दिन अपनी 85 उड़ानें रद करनी पड़ीं और 283 उड़ानों का संचालन किया। इससे हजारों यात्री परेशान हुए। दो दिनों में एयरलाइन को 170 से ज्यादा उड़ानें रद करना पड़ा।सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को भी लगभग 250 केबिन क्रू ने बीमारी की सूचना दी थी, जबकि मंगलवार रात से बुधवार तक लगभग 200 केबिन क्रू ने बीमारी की सूचना दी थी।
इसके बाद एयरलाइन ने लगभग 25 केबिन क्रू को बर्खास्तगी नोटिस जारी किए और उन्हें गुरुवार शाम चार बजे तक रिपोर्ट करने को कहा था। लेकिन गुरुवार को मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) के कार्यालय में केबिन क्रू एवं प्रबंधन के प्रतिनिधियों के बीच करीब साढ़े चार घंटे चली बैठक के दौरान हड़ताल और बर्खास्तगी नोटिस वापस लेने का निर्णय लिया गया।
सभी मुद्दों का समाधान करने का आश्वासन दिया
प्रबंधन ने केबिन क्रू द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान करने का आश्वासन दिया है।इससे पहले संचालन में व्यवधानों को कम करने के लिए एअर इंडिया एक्सप्रेस ने 13 मई तक उड़ानों की संख्या कम करने का फैसला किया था और कहा था कि उसके 20 मार्गों पर एअर इंडिया अपनी सेवाओं का संचालन करेगी। उसका कहना था कि उड़ानों के सुचारू संचालन के लिए उसने सभी संसाधन लगा दिए हैं।
उसने यात्रियों से अनुरोध किया था कि हवाई अड्डे पर आने से पहले देख लें कि उनकी उड़ान व्यवधान की वजह से प्रभावित तो नहीं हुई है। अगर उड़ान रद हो गई है या तीन घंटे से अधिक विलंबित है तो वे पूरा रिफंड लेने या बिना किसी शुल्क के आगे की किसी तिथि में यात्रा को रिशेड्यूल करने का विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए एयरलाइन ने यात्रियों को वाट्सएप (+91 6360012345) या एअरइंडियाएक्सप्रेस डाट काम पर जाकर इन विकल्पों को चुनने को कहा।
दरअसल, एआइएक्स कनेक्ट (पूर्व में एअरएशिया इंडिया) के साथ विलय की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से एअर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों के एक वर्ग में असंतोष है। केबिन क्रू के एक वर्ग ने कुप्रबंधन और कर्मचारियों के साथ व्यवहार में समानता के अभाव का आरोप लगाया था। केबिन क्रू के एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियन द्वारा पिछले वर्ष श्रम विभाग में शिकायत दाखिल करने के बाद विलय की प्रक्रिया औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत पूरी की जा रही है।