हाल ही में एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक विमान को बम की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया। यह घटना मंगलवार रात की है, जब मदुरै से सिंगापुर के लिए उड़ान भरने वाले विमान IX 684 ने एक खतरनाक ईमेल प्राप्त किया। इस धमकी के बाद, सिंगापुर ने सुरक्षा के लिहाज से दो F-15SG लड़ाकू विमानों को तैनात किया ताकि विमान को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर ले जाया जा सके। सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह विमान रात लगभग 10 बजे चांगी हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा। इसके तुरंत बाद, विमान को पुलिस के हवाले कर दिया गया, जो जांच की प्रक्रिया शुरू कर सकती थी।
बम की धमकी की पृष्ठभूमि
यह मामला अकेला नहीं था। मंगलवार को भारत की सात अन्य उड़ानों को भी बम की धमकी मिली। इनमें दिल्ली-शिकागो एयर इंडिया की उड़ान, जयपुर-बेंगलुरु एयर इंडिया एक्सप्रेस, दम्मम-लखनऊ इंडिगो, दरभंगा-मुंबई स्पाइसजेट, सिलीगुड़ी-बेंगलुरु अकासा एयर, और अमृतसर-देहरादून-दिल्ली एलायंस एयर की उड़ानें शामिल थीं। यह स्थिति यात्रियों के लिए बेहद चिंताजनक थी, और इसकी गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं। दिल्ली-शिकागो की उड़ान को विशेष जांच के लिए कनाडा भेजा गया। वहीं, एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान को अयोध्या एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच की गई। अन्य उड़ानों, जैसे स्पाइसजेट और अकासा एयर की उड़ानें, सुरक्षित उतरीं और सभी एहतियाती कदम उठाए गए।
सुरक्षा उपायों का सक्रियण
सिंगापुर ने सुरक्षा की दृष्टि से अपने ग्राउंड बेस्ड एयर डिफेंस (GBAD) सिस्टम और एक्सप्लोसिव ऑर्डनेंस डिस्पोजल (EOD) टीम को भी सक्रिय किया। यह कदम विमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था। जब विमान चांगी हवाई अड्डे पर उतरा, तब इसकी जांच पूरी तरह से सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को सौंपा गया।
पिछले दिन की घटनाएं
दिलचस्प है कि एक दिन पहले, सोमवार को भी मुंबई से आने वाली तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम की धमकी मिली थी। उस दिन सुरक्षा, खुफिया एजेंसियों, एयरलाइंस और हवाईअड्डा संचालकों द्वारा आतंकवाद विरोधी सुरक्षा अभ्यास किए गए थे। सभी संदेशों को बाद में अफवाह घोषित किया गया था, लेकिन फिर भी यह घटनाएं सुरक्षा से संबंधित चिंताओं को बढ़ाती हैं।
यात्रियों की सुरक्षा पर जोर
हालांकि, इस घटनाक्रम में यात्रियों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यह स्पष्ट है कि इस प्रकार की धमकियों के चलते एयरलाइंस और संबंधित एजेंसियों को यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाएं केवल हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर नहीं डालती, बल्कि यह सुरक्षा प्रणालियों की मजबूती और खुफिया सूचनाओं की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठाती हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस प्रकार की घटनाओं की गंभीरता से जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे खतरों से बचा जा सके।