पटना। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चक्रवात बनने के कारण बिहार के अधिकांश जिलों में वर्षा के आसार काफी बढ़ गए हैं। शनिवार को सुबह से ही रूक-रूक कर राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में वर्षा हो रही है। वहीं प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
रविवार को भी सीमावर्ती जिलों में भारी वर्षा के आसार हैं। खासकर पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर,सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनंगज में भारी वर्षा के आसार हैं। इन जिलों के लिए मौसम विज्ञान केंद्र ने औरेंज अलर्ट जारी किया है, यानी इन जिलों में बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
इसके अलावा राज्य के अन्य जिलों में येलो अलर्ट है, यानी वहां पर भी अच्छी वर्षा हो सकती है। ऐसे में लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। शनिवार को राज्य में सबसे ज्यादा वर्षा वाल्मिकीनगर में 230.6 मिलीमीटर रिकार्ड किया गया। वहीं चनपटिया में 212.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज किया गया।
राज्य में अधिकतम तापमान जमुई एवं नालंदा में रिकॉर्ड किया गया, वहां पर 31.7 मिलीमीटर अधिकतम तापमान रहा, वहीं न्यूनतम तापमान मोतिहारी में 20 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर दोनों तरफ से आ रही नमी मौसम विज्ञानियों का कहना है कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर दोनों तरफ से राज्य में नमी आ रही है। भारी मात्रा में नमी आने के कारण राज्य में झमाझम वर्षा हो रही है। वर्षा के साथ-साथ मेघगर्जन एवं बिजली चमकने की घटनाएं भी काफी बढ़ गई हैं।
राजधानी में दिनभर होती रही रूक-रूक कर वर्षा
राजधानी में शनिवार की सुबह से ही रूक-रूक कर वर्षा होती रही है। सूर्य एवं बादलों के बीच लुकाछिपी का खेल जारी रहा है। शहर में वर्षा का प्रभाव आम लोगों पर भी देखा गया।
सुबह जब बच्चे स्कूल जा रहे थे तो रिमझिम फूहारें पड़ रहे थे। दोपहर में हल्की धूप निकली परंतु शाम में झमाझम वर्षा शुरू हो गई। रविवार को भी राजधानी में अच्छी वर्षा के आसार है।
पांच साल पटना का ऐसा हाल
पांच साल बाद 28 सितंबर को शनिवार के दिन पटना में झमाझम वर्षा का संयोग जुड़ा है। तब 29 सितंबर को कलश स्थापना वर्षा के बीच किया गया था।
इस बार 3 अक्टूबर को कलश स्थापना के लिए पंडाल बन रहे हैं। राजधानी में बीते दो दिनों से वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञान विभाग 30 सितंबर तक के लिए वर्षा, मेघगर्जन और 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार हवा का अलर्ट जारी कर चुका है।
पटना में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र एक मीटर नीचे उतरा है कि दो दिनों से रूक-रूककर हो वर्षा से राजधानी के मोहल्ले में नाले का पानी सड़क पर बहने लगा है।
पहले पटना में डूबे थे ये इलाके
शहर से बरसात का पानी निकालने के लिए गंगा किनारे कुर्जी, राजापुर, मंदिरी, अंटा घाट और कृष्णा घाट पर संप हाउस की जिम्मेदारी है। शहर के मध्य इलाका राजेंद्र नगर, कदमकुआं, सैदपुर और आसपास का इलाका डूृबा 28 सितंबर शनिवार को ही 2019 में डूबा था।
इस इलाके में बरसात का पानी आरके एवेन्यू, सैदपुर और कांग्रेस मैदान संप तो कुछ पानी बाकरगंज नाला के माध्यम से अंटाघाट संप से गंगा में फेंकने की पुरानी व्यवस्था है। गंगा के जलस्तर बढ़ने के कारण संप के पास फाटक बंद है ताकि गंगा का पानी शहर में प्रवेश नहीं करे।
जल निकासी के किए गए उपाय
बरसात का पानी निकासी के लिए नगर निगम के साथ ही दानापुर और फुलवारीशरीफ में शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम बुडको ने जोगीपुर, सैदपुर, आरके एवेन्यू, न्यू कंकड़बाग के अलावा दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में संप हाउस के साथ मोबाइल पंपिंग सिस्टम लगाया है।
दीघा, दानापुर और खगौल संप हाउस का कार्य पूरा नहीं हुआ है। इन इलाके में चलंत पंपिंग सेट से वर्षा जल को निकासी का प्रबंध अलग-अलग इलाके में किया गया है।