सभी बाजार समितियों को पुनर्जीवित किया जाएगा। साथ ही उन्हें आधुनिक बनाया जाएगा, ताकि किसान उसका अधिक से अधिक लाभ ले सकें। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को बिहार के वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य के 21 कृषि उत्पादन बाजार प्रांगणों के आधुनिकीकरण एवं समुचित विकास के लिए कुल 1289 करोड़ रुपए की लागत पर योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। अन्य 32 बाजार समितियों को भी कार्यशील करने की योजना है।
सरकार के एक अहम फैसले में राज्य के सभी अनुमंडलों व प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर फेडरेशन व नेफेड से समन्वय कर अरहर, मूंग, उड़द आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करते हुए किसानों से उसी मूल्य में उसकी खरीद होगी। इससे किसानों को उनके उत्पाद की अधिक कीमत मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत वर्ष 2025-26 में कृषि के विकास के लिए बिहार मिलेट मिशन का गठन और आम, मशरूम, टमाटर, आलू, प्याज के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। मखाना के क्षेत्र विस्तार के साथ ही मखाना भंडारण गृह की स्थापना अनुदानित दर पर की जा रही है। इन सबका किसानों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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