1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक राज को बिहार के नये डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। आलोक राज विजिलेंस ब्यूरो बिहार के डीजी हैं और अगले आदेश तक उन्हें डीजीपी का प्रभार में रहेंगे। गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी होते ही देर शाम उन्होंने बिहार के डीजीपी का पदभार ग्रहण कर लिया। कुर्सी संभालते ही आलोक राज ने पुलिसकर्मियों को बेहतर पुलिसिंग के मूलमंत्र दे दिए।
डीजीपी आलोक राज ने कहा कि सबसे पहले इतनी बड़ी जिम्मेवारी देने के लिए राज्य सरकार का आभार जताता हूं और बिहार के लोगों से कहना चाहता हूं कि पुलिस मुख्यालय और डीजीपी का कार्यालय सभी के लिए खुला है। मेरा उद्देश्य होगा कि मैं बिहार के लोगों का डीजीपी बनूं। बिहार के लोग अपनी किसी भी वैधानिक समस्या के लिए मेरे पास आ सकते हैं और मेरे पदाधिकारियों के पास जा सकते हैं। मेरा यह उद्देश्य होगा कि हम आम जनता का सहयोग प्राप्त करें और लोगों को अच्छी पुलिसिंग व्यवस्था प्रदान कर सकें।
उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए सभी पुलिसकर्मियों को संदेश देना चाहता हूं कि सभी लोग 6 मूल मंत्र के साथ काम करें। वह 6 मूल मंत्र है स- समय अर्थात रिस्पॉंस टाइम जितना कम होगा पुलिसिंग उतनी अच्छी होगी। स से सार्थक, अर्थात आप जो भी कार्रवाई करें वह सार्थक हो। अपराधियों में खौफ आए कि पुलिस ने कार्रवाई की है। स से संवेदनशीलता, हमारी अपेक्षा होगी कि पुलिसकर्मी संवेदनशील हों और पीड़ितों के प्रति उनकी संवेदनशीलता दिखनी चाहिए।
डीजीपी ने आगे कहा कि इसके बाद आती है शक्ति, यदि हम शक्ति नहीं रखेंगे और खुद सशक्त नहीं होंगे तो अपराधी हम पर भारी होंगे। शक्ति लाइए अर्थात हम अपने आप को इतना मजबूत करें कि अपराधी हमसे खौफ खाएं। अगला स है सत्य निष्ठा, यदि हम अपने कर्तब्यों के प्रति सत्यनिष्ठ नहीं होंगे तो बिहार की जनता की जो अपेक्षा हमसे है हम उसे पूरा नहीं कर पाएंगे। इन सबके बाद को अंतिम स है वह स्पीडी ट्रायल है।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य होने चाहिए कि अनुसंधान कर के हम समय से कांडो में आरोप पत्र समर्पित करें और उसके बाद स्पीडी ट्रायल के जरिए अपराधियों को सजा दिलाएं। बिहार की जनता से कहना चाहता हूं कि वह पुलिस के साथ सहयोग करें। अब बिहार की जनता और पुलिस साथ साथ मिलकर काम करेगी।