छठ घाट बनाने के दौरान खुदाई में एक प्रतिमा मिली, जिसे ग्रामीण छठ माई की प्रतिमा मानकर पूजा-अर्चना करने लगे. इस अद्भुत घटना से इलाके में आस्था का माहौल और भी गहरा हो गया है. श्रद्धालुओं का हुजूम प्रतिमा के दर्शन के लिए उमड़ पड़ा है. बता दें कि चार दिवसीय महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
क्या है मामलाः छठ महापर्व के लिए आज पहला अर्घ्य दिया जाता है. सामान्यता सूर्य को अर्घ्य किसी नदी किनारे दिया जाता है. लेकिन, जिनके घरों के आसपास नदी नहीं होती वो पोखर किनारे अर्घ्य देते हैं. पोखर नहीं होने पर एक सार्वजनिक स्थान पर अस्थायी पोखरनुमा घाट तैयार कर अर्घ्य देते हैं. जमुई सदर प्रखंड अंतर्गत कुंदरी पंचायत के चंदवारा गांव में गुरुवार को काली स्थान के पास छठ धाट बनाने के लिऐ खुदाई की जा रही थी. तभी निकली एक प्रतिमा मिली. श्रद्धालु पूजा अर्चना करने बोले- ‘आ गई छठी मइया’
कैसी है प्रतिमाः खुदाई में मिली प्रतिमा 40 इंच के लगभग काले रंग की है. ग्रामीणों ने प्रतिमा को काली मंदिर के नजदीक नीम के पेड़ के पास रख दिया. छठी मइया का जयकारा लगाते हुऐ पूरे भक्ति भाव से पूजा अर्चना करने में जुट गए. ग्रामीणों ने बताया “छठ महा पर्व का आज तीसरा दिन है नहाय खाय के से शुरूआत हो चुका है. आज नदी तालाब घाटों पर छठ माई को पहला अर्घ्य दिया जाना है. अर्घ्य की शुरुआत से पहले इस प्रकार प्रतिमा का मिलना शुभ है.” लोग प्रतिमा को छठी मइया बता पूजा अर्चना में जुट गए.
उगते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्यः चार दिवसीय महापर्व का आज तीसरा दिन है. आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. शुक्रवार 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही महापर्व छठ का समापन हो जाएगा. बता दें कि छठ पूजा बिहार में बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस पर्व को मनाने बड़ी संख्या में प्रवासी लोग अपने-अपने घर लौटते हैं. इस पर्व को लेकर इलाके का माहौल भक्तिमय रहता है.