गजब..बिहार में गाड़ियों का फिटनेस जांच MVI नहीं दलाल करते हैं, मोटरयान निरीक्षक का सरकारी मोबाइल माफिया के पास कैसे पहुंचा?

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बिहार के मोटर यान निरीक्षक (MVI) खुद नहीं बल्कि अपने खास दलालों से गाड़ियों की फिटनेस जांच कराते हैं। हद तो तब हो जाती है जब MVI अपना सरकारी मोबाइल भी उन दलालों के हवाले कर देता है। बेतिया में परिवहन में भ्रष्टाचार के ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है।

बेतिया के आईटीआई के मैदान में वाहनों के फिटनेस जांच के दौरान गुरुवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय  ने छापेमारी की. रेड में मोटरयान निरीक्षक के बेहद खास दो दलाल राजू कुमार सिंह और राजीव कुमार मिश्र को पकड़ा गया है।. इनके पास से एमवीआई अनूप कुमार सिंह का सरकारी मोबाइल सहित चार अन्य मोबाइल फोन और वाहनों के फिटनेस जांच से संबंधित भारी संख्या में कागजात बरामद की गई है। मौके से एक बोलेरो व एक बाइक जब्त भी जब्त किया गया है.

अचानक पहुंचे डीएम दिनेश कुमार राय

बेतिया डीएम दिनेश कुमार राय के निर्देश पर पकड़ गये राजू कुमार सिंह और राजीव कुमार मिश्र को मुफस्सिल पुलिस के हवाले कर दिया गया. मामले में डीटीओ अरुण प्रकाश ने दोनों के विरुद्ध मुफस्सिल थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. बताया जाता है कि डीएम को शिकायत मिली थी कि वाहनों का फिटनेस जांच और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में दलाल सक्रिय है. डीटीओ कार्यालय में दलालों के मार्फत ही काम हो रहा है. शिकायत के आलोक में डीएम दलबल के साथ अचानक आईटीआई पहुंच गए. वहां वाहनों का फिटनेस जांच हो रहा था. डीएम को देखते ही हड़कंप मच गया. दलाल इधर-उधर भागने लगे, लेकिन MVI के करीबी दो  दलालों को पकड़ लिया गया.

बेतिया डीएम ने बताया कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि एमवीआई अनूप कुमार सिंह लगातार गायब रहते हैं. दलालों के माध्यम से लोगों का शोषण हो रहा है. जिसको लेकर छापेमारी की गई है. छापेमारी के दौरान दो दलाल पकड़े गया है. कुछ दलाल फरार हो गए. दलालों के पास एमवीआई सरकारी मोबाइल सहित चार मोबाइल, वाहनों के भारी फिटनेस के कागजात जब्त की गई है. दो वाहन जब्त किया गया है. पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. साथ ही अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी. बड़ा सवाल यही है कि MVI का सरकारी मोबाइल no एक दलाल के पास कैसे पहुंच गया था? गाड़ियों के फिटनेस जांच के समय MVI अनूप कुमार सिंह कहां थे? क्या बेतिया में MVI की बजाय दलाल ही फिटनेस जांच करते हैं? यह तो काफी गंभीर मामला है। सरकारी मोबाइल दलाल के पास से मिलने पर प्रमाणित हो रहा की MVI के संरक्षण में ही पूरा खेल हो रहा था।

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