गजब की प्रतिज्ञा! दोनों आंखों से हैं दिव्यांग, अयोध्या में बने राम मंदिर, इसलिए 1990 से कर रहे हैं देवघर यात्रा
भागलपुर. सावन में भगवान भोलेनाथ के भक्तों का अलग-अलग रंग देखने को मिलता है. इनके भक्त भी बड़े निराले होते हैं. कोई पैदल तो कोई दंड देकर जाते हैं. लेकिन आज एक ऐसे भक्त से मुलाकात हुई जो दोनों आंखों से दिव्यांग हैं. रास्ता तक नहीं देख सकता है. बावजूद लाठी के सहारे देवघर की यात्रा को निकल गए हैं. भक्तों के भक्ति की अलग-अलग तस्वीर देखने को मिलती है. एक ऐसी ही तस्वीर पुनः देखने को मिली. जब कटिहार के दुर्गेश ने राम मंदिर बनने की प्रतिज्ञा लेकर यात्रा शुरू की थी. वह 1990 से ही बाबाधाम की यात्रा करते हैं।
भगवान श्री राम का मंदिर बने इसलिए 1990 से ही जा रहें हैं देवघर
कटिहार के रहने वाले दुर्गेश की है. दुर्गेश दोनों आंखों से देख नहीं सकते हैं. लेकिन भगवान श्री राम का मंदिर बने. इसके लिए 1990 से ही देवघर जा रहे हैं. हर सावन में बैधनाथ धाम जाते हैं. लेकिन वो महादेव से अपने लिए कुछ नहीं मांगते हैं. दुर्गेश बताते हैं कि वह मन्दिर में ही रहते हैं. महादेव की सेवा करते हैं. 1990 से बैधनाथ धाम जा रहे हैं. मन में कामना थी कि अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर बने।
श्रीराम का मंदिर बनवा दिया
दुर्गेश ने बताया कि श्रीराम का मंदिर बनवा दिया. अब हम बहुत खुश हैं. श्री राम मंदिर बन रहा है, अब इसलिए बैद्यनाथ धाम जा रहे हैं. इसके साथ ही पूरा देश खुश रहे, इसकी कामना किया. सचमुच में महादेव के भक्त निराले होते हैं. महादेव को ऐसे ही अनन्य भक्त प्रिय होते हैं. हम आपको बता दे धीरे-धीरे कँवड़ियों का कारवाँ बढ़ता जा रहा है. जहां कल एक लाख से अधिक कांवड़ियों ने जल उठाया था और बैद्यनाथ धाम गए थे।
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